नए भारत के निर्माण में हर दिव्यांग बच्चे और युवा की भागीदारी जरूरी : नरेन्द्र मोदी

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प्रधानमंत्री की मौजूदगी में प्रयागराज में बना विश्व रिकॉर्ड, दिव्यांगजनों को प्रदान किए गए उपकरण व कृत्रिम अंग



प्रयागराज, 29 फरवरी (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सामाजिक अधिकारिता शिविर के अंतर्गत आयोजित समारोह में कहा कि नए भारत के निर्माण में हर दिव्यांग युवा, दिव्यांग बच्चे की उचित भागीदारी आवश्यक है। चाहे वह उद्योग हो, सेवा का क्षेत्र हो या फिर खेल का मैदान, दिव्यांगों के कौशल को निरंतर प्रोत्साहित किया जा रहा है। वरिष्ठ नागरिकों के जीवन से इस परेशानी को कम करने के लिए हम लगातार काम कर रहे हैं। गरीब वरिष्ठ नागरिकों को भी जरूरी उपकरण मिलें, इसके लिए हमारी सरकार ने तीन साल पहले ‘राष्ट्रीय वयोश्री योजना’ शुरू की थी।
वरिष्ठ नागरिकों के इलाज का खर्च कम करने में मिली सफलता :
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बीते कुछ समय में सरकार ने जो फैसले किए हैं, जो अन्य योजनाएं शुरू की हैं, उनसे भी उन्हें लाभ हो रहा है। बीते पांच साढ़े पांच वर्षों में वरिष्ठ जनों का इलाज का खर्च पहले की अपेक्षा बहुत कम हुआ है। आयुष्मान भारत योजना के तहत पांच लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज की सुविधा हो या फिर बीमा योजनाएं, उनका भी लाभ गरीबों को, दिव्यांगजनों को अलग से हो रहा है। गरीब से गरीब देशवासी भी बीमा की सुविधा से जुड़े, इसके लिए दो-दो लाख रुपये के बीमा की दो योजनाएं चल रही हैं।
पिछली सरकार में 300 करोड़, हमारी सरकार ने 900 करोड़ से ज्यादा उपकरण बांटे :
पहले की सरकारों में दिव्यांगों के लिए कैम्प बेहद कम आयोजित होने का हवाला देते हुए मोदी ने कहा कि पिछली सरकारों के समय इस तरह के कैंप बहुत ही कम लगा करते थे। और इस तरह के मेगा कैंप तो गिनती के होते थे। बीते पांच साल में हमारी सरकार ने देश के अलग-अलग इलाकों में करीब 9000 कैंप लगवाए हैं। पिछली सरकार के पांच साल में जहां दिव्यांगजनों को 380 करोड़ रुपये से भी कम के उपकरण बांटे गए, वहीं हमारी सरकार ने 900 करोड़ रुपये से ज्यादा के उपकरण बांटे हैं। यानि करीब-करीब ढाई गुना उपकरण दिव्यांगजनों को दिए गए हैं।
दिव्यांगों के लिए शिक्षा संस्थानों में आरक्षण बढ़ाकर किया पांच प्रतिशत
उन्होंने कहा कि बीते चार-पांच वर्षों में देश की सैकड़ों इमारतें, 700 से ज्यादा रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, दिव्यांगजनों के लिए सुगम्य बनाई जा चुकी हैं। जो बची हुई हैं, उन्हें भी सुगम्य भारत अभियान से जोड़ा जा रहा है। ये हमारी ही सरकार है जिसने पहली बार दिव्यांगजनों के अधिकारों को स्पष्ट करने वाला कानून लागू किया। इस कानून का एक बहुत बड़ा लाभ यह हुआ कि पहले दिव्यांगों की जो 7 अलग-अलग तरह की कैटेगरी होती थी, उसे बढ़ाकर 21 कर दिया गया। उच्च शिक्षा संस्थानों में दाखिले के लिए भी उनका आऱक्षण 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। अपने दिव्यांग साथियों का कौशल विकास भी हमारी प्राथमिकता रही है।
दिव्यांगजनों की असली शक्ति उनका धैर्य और सामर्थ्य
प्रधानमंत्री ने कहा कि यहां करीब 27 हजार साथियों को उपकरण दिए गए हैं। किसी को ट्रायसाइकिल मिली है, किसी को सुनने की मशीन मिली है, व्हीलचेयर मिली है। ये उपकरण आपके बुलंद हौसलों के सहयोगी भर हैं। आपकी असली शक्ति तो आपका धैर्य है, आपका सामर्थ्य है, आपका मानस है।
सरकार का दायित्व है हर व्यक्ति का भला हो
उन्होंने कहा कि हमारे यहां कहा जाता है कि स्वस्ति: प्रजाभ्यः परिपालयंतां. न्यायेन मार्गेण महीं महीशाः! यानी सरकार का ये दायित्व है कि हर व्यक्ति का भला हो, हर व्यक्ति को न्याय मिले। यही सोच तो सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के मंत्र का भी आधार है। चाहे वो वरिष्ठ जन हों, दिव्यांगजन हों, आदिवासी हों, दलित-पीड़ित, शोषित, वंचित हों, 130 करोड़ भारतीयों के हितों की रक्षा करना, उनकी सेवा करना, हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।
तीर्थराज में आकर होता है अलग पवित्रता और ऊर्जा का एहसास
तीर्थराज प्रयागराज में आकर हमेशा ही एक अलग पवित्रता और ऊर्जा का एहसास होता है। उन्होंने कहा कि पिछले साल फरवरी में, लगभग यही समय था जब मैं कुम्भ के दौरान यहां आया था। आपके प्रधान सेवक के तौर पर, मुझे हजारों दिव्यांग-जनों और बुजुर्गों, वरिष्ठ जनों की सेवा करने का अभी अवसर मिला है।
इस विशाल शिविर में एडीआईपी योजना के तहत 10,406 दिव्यांगजनों और राष्ट्रीय वयोश्री योजना के तहत वरिष्ठ नागरिकों (बीपीएल श्रेणी के) को विभिन्न श्रेणियों के विभिन्न प्रकार के कुल 56,905 से अधिक सहायक यंत्र और उपकरण 26,874 लाभान्वितों को मुफ्त वितरित किए गए। इस आयोजन का उद्देश्य जिले के विशेष रूप से बीपीएल श्रेणी के दिव्यांगजनों और वरिष्ठ नागरिकों के बीच उनके रोजमर्रा के जीवन के मुद्दों और सामाजिक-आर्थिक विकास के अन्य रास्ते कैसे उत्पन्न हों, उसके बारे में आम जनता के बीच जानकारी को बढ़ावा देना है। इनमें बाधा मुक्त आवागमन, विभिन्न प्रकार के दिव्‍यांगों के लिए आवश्यक सहायक यंत्र और उपकरण, स्वरोजगार के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण, उद्यमशीलता रोजगार अवसर के लिए आसान ऋण तक पहुंच शामिल हैं।
इससे पहले प्रधानमंत्री ने मंच पर पहुंचकर अपने हाथों कुछ दिव्यांगजनों को उपकरण व कृत्रिम अंग प्रदान किये। कार्यक्रम में 26874 दिव्यांगजनों और वृद्धों को कृतिम उपकरण वितरित किए गए। प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी में तीर्थराज प्रयाग ने यहां कई विश्व कीर्तिमान स्थापित ​किए और अमेरिका व दुबई जैसे देशों के नाम दर्ज अब तक के रिकॉर्ड को संगमनगरी ने पीछे छोड़ दिया। कार्यक्रम में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ केन्द्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत, उत्तर प्रदेश के दोनों उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और डॉ. दिनेश शर्मा सहित कई मंत्री उपस्थित हैं।
दस लाख से अधिक दिव्यांगजनों को दी जा रही पेंशन : योगी आदित्यनाथ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंंत्री के मार्गदर्शन में विगत वर्ष इसी समय प्रयागराज के भव्य और दिव्य कुम्भ ने अपना परचम पूरी दुनिया के सामने लहराया था। सैकड़ों वर्षों के बाद प्रयागराज की पहचान ‘अक्षयवट’ श्रद्धालुजनों के लिए खुल पाया। मां गंगा की निर्मलधारा को देखने का दुर्लभ संयोग अगर हमें प्राप्त हो पाया तो यह प्रधानमंंत्री मोदी के नेतृत्व में ही संभव हो सका। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में प्रयागराज में कुम्भ का सफल आयोजन करने के बाद हम लोग लगातार प्रगति के पथ पर हैं। प्रधानमंत्री आज दिव्यांजनों के बीच पधारे हैं, उनके कारण ही इनको समाज की मुख्यधारा में आने का अवसर मिला है।
दिव्यांगजनों का यह अद्भुत ‘कुम्भ’ सबको अपनी ओर कर रहा आकर्षित
उन्होंने कहा कि आज दिव्यांगजनों को प्रदेश सरकार की ओर से पेंशन दी जा रही है। किसी के साथ किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जा रहा है। शासन की योजना का लाभ सभी को समान रूप से मिल रहा है। दिव्यांगजनों की पेंशन 300 से बढ़ाकर 500 रुपये किया गया है। 1055500 दिव्यांगजनों को यह पेंशन उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जा रही है। आज यहां लगभग 900 मोटराइज्ड ट्राई साइकिलों की व्यवस्था की गई है। साथ ही हजारों लोगों को कृत्रिम अंग, उपकरण उपलब्ध कराने की जो व्यवस्था की गई है यह एक दुर्लभ क्षण है। इन कैम्पों के आयोजन का ही परिणाम है कि आज प्रयागराज में कई विश्व रिकॉर्ड बनाते हुए दिव्यांगजनों का यह अद्भुत ‘कुम्भ’ हम सबको अपनी ओर आकर्षित कर रहा है और प्रधानमंत्री के प्रति अपना आभार व्यक्त कर रहा है।
मुख्यमंत्री ने उन सांसदों और विधायकों का आभार जताया जिन्होंने दिव्यांगजनों को मिलने वाली सहायक निधि में अपनी निधि से भी योगदान देकर दिव्यांगजनों को मोटराइज्ड ट्राई साइकिल उपलब्ध कराने में अपनी भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में केंद्र और राज्य सरकार ने बिना किसी भेदभाव के समाज के प्रत्येक तबके तक शासकीय योजनाओं का लाभ पहुंचाने का संकल्प लिया।

दिव्यांग तथा वृद्धजनों के काम में लगातार बढ़ रहे आगे : थावर गहलौत
सामाजिक अधिकारिता मंत्री थावर चंद्र गहलौत ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हम लोग दिव्यांग तथा वृद्धजनों के काम में हम लोग आगे बढ़ते ही जा रहे हैं। हमने प्रयागराज में तीन नये विश्व रिकार्ड कल ही बनाया है। अब देश के सभी दिव्यांग तथा वृद्धजनों को हमने ऐसा परिचय पत्र प्रदान करने का काम शुरू कर दिया है, जिसका लाभ उनको देश के हर राज्य में मिलेगा।
कार्यक्रम के दौरान मंच पर जाने से पहले प्रधानमंत्री ने 300 दिव्यांगों से मन की बात करते हुए उनका हाल जाना। और सम्मान कर उनका मनोबल बढ़ाया। साथ ही फोटोग्राफी भी करायी। प्रधानमंत्री ने एक दिव्यांग बालक से बातचीत की। प्रधानमंत्री को अपने बीच पाकर दिव्यांग बेहद उत्साहित नजर आए। प्रधानमंत्री ने सभी का हाथ जोड़कर अभिवादन भी किया। उन्होंने बुजुर्ग दिव्यांगजनों से भी हालचाल पूछा,​ जिससे वह कृतज्ञ महसूस करते नजर आए।

प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी में बने कई विश्व कीर्तिमान
प्रधानमंत्री के इस कार्यक्रम में संगम नगरी के नाम कई नए विश्व कीर्तिमान स्थापित हुए। इनमें एक स्थान से सबसे ज्यादा उपकरण उपलब्ध कराना, सबसे ज्यादा कान की मशीन फिट करना, सबसे लंबी व्हीलचेयर की परेड और सबसे ज्यादा स्टिक देने का विश्व रिकॉर्ड बनाया गया। इन कीर्तिमानों को दर्ज करने के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की 60 सदस्य टीम प्रयागराज पहले ही पहुंच गई थी। ये कीर्तिमान अब तक दुबई और अमेरिका जैसे देशों के नाम दर्ज हैं। इससे पहले शुक्रवार की रात में ही एक विश्व रिकार्ड बनाया गया। इसमें तीन सौ ट्राई साइकिलों पर सवार दिव्यांगजनों की 1.8 किमी परेड रही। यह रिकार्ड पहले यूनाइटेड अरब अमीरात के नाम था।
इससे पहले भारतीय वायुसेना के विशेष वायुयान से प्रधानमंत्री मोदी बमरौली हवाई अड्डे पर पहुंचे। वहां प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्र व प्रदेश के प्रमुख मंत्रीगण, सांसद व अन्य विशिष्ट जन उनका स्वागत किया। हवाई अड्डे से प्रधानमंत्री हेलीकॉप्टर द्वारा कार्यक्रम स्थल परेड मैदान के लिए रवाना हुए। प्रयागराज के कार्यक्रम के बाद प्रधानमंत्री परेड मैदान से हेलीकॉप्टर द्वारा चित्रकूट के लिए रवाना हुए, जहां वह बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे की आधारशिला रखेंगे। वहां से अपराह्न करीब चार बजे प्रधानमंत्री बमरौली हवाई अड्डे पहुंचेंगे और विशेष विमान से दिल्ली लौट जाएंगे।


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