नई दिल्ली, 12 अक्टूबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राजमाता विजयाराजे सिंधिया की 100वीं जयंती पर 100 रुपये का सिक्का जारी किया। वर्चुअल समारोह के माध्यम से प्रधानमंत्री ने यह सिक्का देश को समर्पित किया।
इस मौके पर उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि एकता यात्रा के समय राजमाता ने मेरा परिचय गुजरात के युवा नेता नरेंद्र मोदी के तौर पर कराया था, इतने सालों बाद आज उनका वही नरेंद्र देश का प्रधान सेवक बनकर उनकी अनेक स्मृतियों के साथ आपके सामने है। उन्होंने कहा कि राजमाता ने अपना जीवन गरीब लोगों के लिए समर्पित कर दिया था। उनके लिए राजसत्ता नहीं बल्कि जन सेवा अहम थी। उन्होंने कहा कि हम में से कई लोगों को उनसे बहुत करीब से जुड़ने का, उनकी सेवा, उनके वात्सल्य को अनुभव करने का सौभाग्य मिला है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ये भी कितना अद्भुत संयोग है कि रामजन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए उन्होंने जो संघर्ष किया था, उनकी जन्मशताब्दी के साल में ही उनका ये सपना भी पूरा हुआ है। राजमाता के आशीर्वाद से देश आज विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है। गांव, गरीब दलि-पीड़ित- शोषित –वंचित और महिलाएं आज देश की पहली प्राथमिकता में है। उन्होंने कहा कि ऐसे कई मौके आए जब पद उनके पास तक चलकर आए लेकिन उन्होंने उसे विनम्रता के साथ ठुकरा दिया। एक बार खुद अटल जी और आडवाणी जी ने उनसे आग्रह किया था कि वो जनसंघ की अध्यक्ष बन जाएं लेकिन उन्होंने एक कार्यकर्ता के रूप में ही जनसंघ की सेवा करना स्वीकार किया।
पिछली शताब्दी में भारत को दिशा देने वाले कुछ एक व्यक्तित्वों में राजमाता विजयाराजे सिंधिया भी शामिल थीं।राजमाताजी केवल वात्सल्यमूर्ति ही नहीं थी। वो एक निर्णायक नेता और कुशल प्रशासक भी थीं।