नई दिल्ली, 27 सितम्बर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में नई तकनीक और सोच वाले किसानों के सफल प्रयासों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि कोरोना के इस कठिन समय में हमारा कृषि क्षेत्र, हमारा किसान इसका जीवंत उदाहरण है। संकट के इस काल में हमारे देश के कृषि क्षेत्र ने फिर अपना दमखम दिखाया है। देश का कृषि क्षेत्र, हमारे किसान, हमारे गांव, आत्मनिर्भर भारत का आधार है। ये मजबूत होंगे तो आत्मनिर्भर भारत की नींव मजबूत होगी। बीते कुछ समय में इन क्षेत्रों ने खुद को अनेक बंदिशों से आजाद किया है, अनेक मिथकों को तोड़ने का प्रयास किया है।
हरियाणा के सोनीपत जिले के किसान कंवर सिंह चौहान का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि इनके प्रयास और नई सोच के कारण गांव के किसान स्वीट कॉर्न औऱ बेबी कॉर्न की खेती से ढाई-तीन लाख प्रति एकड़ सालाना कमाई कर रहे हैं। इतना ही नहीं, इसी गांव के 60 से अधिक किसान, नेट हाउस बनाकर, प़ॉलीहाउस बनाकर, टमाटर, खीरा, शिमला मिर्च, इसकी अलग-अलग वैराइटी का उत्पादन करके, हर साल प्रति एकड़ 10-12 लाख रुपये कमाई कर रहे हैं। किसानों को अपनी फसल बेचने की आजादी मिल गई है। वे अपनी इच्छा अनुसार अपनी फसल बेच रहे हैं। पीएम मोदी ने महाराष्ट्र के श्री स्वामी समर्थ फारमर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड का जिक्र करते हुए कहा कि पुणे और मुंबई में किसान साप्ताहिक बाजार खुद चला रहा हैं। इन बाजारों में लगभग 70 गांवों के 4500 हजार किसानों का उत्पाद, सीधे बेचा जाता है। ग्रामीण युवा सीधे बाजार में खेती और बिक्री की प्रक्रिया में शामिल होते हैं। इसका लाभ किसानों को होता है, गांव के नौजवानों को रोजगार में होता है।
पीएम मोदी ने तमिलनाडु के थेनि जिले की फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी का भी उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि यह किसानों का समूह है, 6 साल पहले बनाया गया है। इस किसान समूह ने लॉकडाउन के दौरान आसपास के गांवों से सैंकड़ों मेट्रिक टन सब्जियां, फलों और केले की खरीद की औऱ चेन्नई शहर को सब्जी कॉम्बो किट दिया। इसमें किसानों को लाभ मिलने के साथ उपभोक्ताओं को भी लाभ मिला। गुजरात के बनासकांठा के रामपुरा गांव के इस्माइल भाई का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि इस्माइल भाई ने नई तकनीक के माध्यम से आलू की खेती की शुरुआत की और अपने फसल को सीधे बड़ी बड़ी कंपनियों को बेचते हैं। बिचौलियों का नामोंनिशान नहीं। इस्माइल आज दूसरों किसानों को भी मदद कर रहे हैं, उनकी जिंदगी बदल रहे हैं। उन्होंने मणिपुर महिला किसान विजयलक्ष्मी का भी जिक्र किया जो कमल की नाल से धागा बनाने का काम कर रही हैं।