नई दिल्ली, 25 सितंबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति जो बाइडेन ने लोकतांत्रिक प्रणाली और मूल्यों पर आधारित भारत-अमेरिका संबंधों में बड़े बदलाव का उल्लेख करते हुए कहा कि इससे आपसी रिश्तों में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
राष्ट्रपति बाइडेन ने व्हाइट हाउस में प्रधानमंत्री मोदी की आगवानी की, जिसके बाद दोनों नेताओं ने प्ररांभिक वक्तव्य दिए। दोनों नेताओं की आमने सामने की यह पहली मुलाकात थी। मोदी ने राष्ट्रपति बनने के बाद बाइडेन की कोविड-19, जलवायु परिवर्तन और हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में की गई पहल का स्वागत किया। उन्होंने आशा व्यक्त की कि दोनों देशों के संबंध आने वाले दिनों में और अधिक मजबूत होंगे।
प्रधानमंत्री ने उपराष्ट्रपति के रूप में वर्ष 2014 और 2016 में हुई अपनी मुलाकात का जिक्र करते हुए कहा कि द्विपक्षीय संबंधों के बारे में जो विचार उन्होंने व्यक्त किए थे, राष्ट्रपति के रूप में वह उन्हें आगे बढ़ाएंगे।
मोदी ने कहा कि 21वीं शताब्दी के तीसरे दशक में भारत-अमेरिका संबंधों का विशेष महत्व है। हमने जो बीज बोए हैं, उनसे भारत-अमेरिका संबंधों में बड़ा बदलाव आएगा। इससे दुनिया भर में लोकतंत्र को मजबूती मिलेगी। मोदी की अमेरिकी यात्रा के दूसरे दिन क्वाड शिखरवार्ता के पहले उनकी बाइडेन से मुलाकात हुई। मीडिया के लिए संबोधन के बाद दोनों नेताओं ने प्रतिनिधि मंडल स्तर की वार्ता की।
मोदी ने दोनों देशों के बीच व्यापार और प्रोद्योगिकी के आदान-प्रदान पर जोर देते हुए कहा कि दोनों देश एक-दूसरे के पूरक हैं। व्यापार के लिहाज से अगला दशक बहुत महत्वपूर्ण होगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा महात्मा गांधी का उल्लेख किए जाने के संबंध में मोदी ने कहा कि गांधीजी ट्रस्टीशिप के विचार के प्रबल समर्थक थे। यह विचार द्विपक्षीय और विश्व मामलों में हमारा मार्गदर्शन कर सकते हैं।
दोनों नेताओं के बीच बातचीत के दौरान बाइडेन ने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा कि भारत यात्रा के दौरान उन्हें पता लगा था कि बाइडेन नाम वाले भारत में कई लोग हो चुके हैं। इस पर मोदी ने कहा कि वह बाइडेन नाम वाले लोगों की वंशावली के बारे में कुछ कागजात लेकर आए हैं। इस पर बाइडेन ने ठहाका लगाया और मोदी भी हंस पड़े।
अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने दोनों देशों की लोकतांत्रिक प्रणालियों का उल्लेख करते हुए कहा कि हमारे ऊपर यह साझा जिम्मेदारी है कि हम लोकतांत्रिक मूल्यों और विविधतापूर्ण समाज के बारे में अपनी प्रतिबद्धता मजबूत बनाएं।
बाइडेन ने कहा कि उनका हमेशा से यह मानना रहा है कि भारत और अमेरिका के मजबूत संबंधों से विश्व की चुनौतियों का सामना करने में बहुत मदद मिलेगी। उन्होंने वर्ष 2006 में ही कहा था कि वर्ष 2020 तक दोनों देशों के संबंध घनिष्टतम होंगे।
प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता में भारत की ओर से विदेश मंत्री एस जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला और अमेरिका में भारत के राजदूत टीएस संधू शामिल थे। मोदी ने व्हाइट हाउस के रूसावेल्ट कक्ष में आगंतुक पुस्तिका पर हस्ताक्षर भी किए।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने मोदी से मुलाकात के पहले एक ट्वीट में कहा कि स्वतंत्र और मुक्त हिन्द-प्रशांत क्षेत्र, कोरोना महामारी का मुकाबला करने और जलवायु परिवर्तन आदि मुद्दों पर दोनों देशों के संबंधों को मजबूत बनाने के लिए हम प्रयासरत हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने व्हाइट हाउस में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को कुर्सी पर बैठने का अनुरोध करते हुए मजाक में कहा कि इस कुर्सी पर हर रोज भारतीय मूल की उप राष्ट्रपति कमला हैरिस बैठती हैं।
बाइडेन ने कहा कि कमला हैरिस की मां श्यामला गोपालन एक वैज्ञानिक थी। वह एक विलक्षण प्रतिभा की महिला थी।
उल्लेखनीय है कि अमेरिकी उपराष्ट्रपति की मां गोपालन तमिलनाडु से थी। वह अमेरिका में वैज्ञानिक के रूप में कार्यरत थी। उन्होंने वहीं अमेरिकी मूल के प्रोसेसर डोनाल्ड हैरिस से विवाह किया था। उनकी दो पुत्रियां कमला और माया हैं। राष्ट्रपति बाइडेन इससे पहले भी अमेरिका में भारतीय मूल के लोगों के प्रभाव का जिक्र कर चुके हैं।