नई दिल्ली, 07 सितम्बर (हि.स.)। मिशन चंद्रयान-2 को लेकर अंतिम पलों में हुई चूक से पूरे देश में निराशा है। इसरो प्रमुख भी शुक्रवार रात से ही काफी गंभीर थे। इस बीच शनिवार सुबह प्रधानमंत्री ने इसरो चीफ के. सिवन की भावनाओं को समझते हुए उन्हें गले लगाया और उनकी हौसलाअफजाई की।
इसरो कंट्रोल रूम से देश को संबोधित करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी जब बाहर निकले तो उन्हें गाड़ी तक छोड़ने आए इसरो चीफ काफी गंभीर थे। मानों मिशन की असफलता के लिए वो खुद को जिम्मेदार मान रहे हों। इस बीच प्रधानमंत्री के गले लग सिवन फफक पड़े तो उन्हें शांत कराते, धैर्य बंधाते प्रधानमंत्री ने अभिभावक की तरह उन्हें सीने से चिपका लिया और पीठ पर एक के बाद एक कई थाप देते हुए भविष्य की योजनाओं पर काम करने का हौसला दिया।
प्रधानमंत्री और सिवन के बीच के इस भावुक क्षण को देखकर लग रहा था मानों मोदी गर्व से भरे लेकिन बंद होंठों और भींगी आखों से कह रहे हों कि अगली बार हम चांद को जरूर पा लेंगे। जो मिशन आज हमारा अधूरा रह गया वो आने वाले दिनों में पूरा होगा। आप (इसरो चीफ) हमारी ताकत हैं, आपको रुकावटों से घबराने की जरूरत नहीं है।