आईपीएस अधिकारियों के फैसले में ‘राष्ट्र प्रथम, सदैव प्रथम’ की भावना परिलक्षित हो: प्रधानमंत्री
नई दिल्ली, 31 जुलाई (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जनता के बीच पुलिस की नकारात्मक छवि को बड़ी चुनौती बताते हुए कहा कि आईपीएस प्रोबेशनर्स के कंधों पर इस छवि बदलने की जिम्मेदारी है। उन्होंने युवा अधिकारियों को सुशासन के लिए समर्पित रहने के साथ क्षेत्र में किसी भी निर्णय और गतिविधि में ‘राष्ट्र प्रथम, सदैव प्रथम’ की भावना को परिलक्षित करने का मंत्र दिया।
प्रधानमंत्री मोदी शनिवार को हैदराबाद स्थित सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी के 2019 बैच के आईपीएस प्रोबेशनर्स को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित कर रहे थे।
आईपीएस प्रोबेशनर्स के बैच में लड़कियों के शानदार प्रदर्शन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए मोदी ने कहा कि बीते वर्षों में पुलिस फोर्स में बेटियों की भागीदारी को बढ़ाने का निरंतर प्रयास किया गया है। हमारी बेटियां पुलिस सेवा में दक्षता और जवाबदेही के साथ विनम्रता, सहजता और संवेदनशीलता के मूल्यों को सशक्त करती हैं।
आगे उन्होंने कहा कि इस साल की 15 अगस्त की तारीख, अपने साथ आजादी की 75वीं वर्षगांठ लेकर आ रही है। बीते 75 सालों में भारत ने एक बेहतर पुलिस सेवा के निर्माण का प्रयास किया है। पुलिस ट्रेनिंग से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर में भी हाल के वर्षों में बहुत सुधार हुए हैं।
मोदी ने कहा कि 1930 से 1947 के बीच देश में जो ज्वार उठा और जिस तरह देश के युवा आगे बढ़कर आए, एक लक्ष्य के लिए एकजुट होकर पूरी युवा पीढ़ी जुट गई, आज वही मनोभाव आपके भीतर अपेक्षित है। उस समय देश के लोग स्वराज्य के लिए लड़े थे। आज आपको सुराज (सुशासन) के लिए आगे बढ़ना है।
उन्होंने कहा कि आप एक ऐसे समय पर करियर शुरू कर रहे हैं, जब भारत हर क्षेत्र हर स्तर पर परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। आपके करियर के आने वाले 25 साल भारत के विकास के भी सबसे अहम साल होने वाले हैं। इसलिए आपकी तैयारी और मनोदशा इसी बड़े लक्ष्य के अनुकूल होनी चाहिए।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आपकी सेवाएं देश के अलग-अलग जिलों और शहरों में होंगी, इसलिए आपको एक मंत्र याद रखना है। फील्ड में रहते हुए आप जो भी फैसले लें, उसमें देशहित और राष्ट्रीय परिपेक्ष्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह हमेशा याद रखना है कि आप एक भारत, श्रेष्ठ भारत के भी ध्वजवाहक हैं। इसलिए, आपके हर एक्शन, आपकी हर गतिविधि में राष्ट्र प्रथम, सदैव प्रथम की भावना रिफ्लेक्ट होनी चाहिए।
कोरोना के खिलाफ लड़ाई में हमारे पुलिसकर्मियों ने देशवासियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किया है। इस प्रयास में कई पुलिसकर्मियों को अपने प्राणों ही आहूति तक देनी पड़ी है। मैं उन्हें श्रद्धांजलि देता हूं और देश की तरफ से उनके परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करता हूं।
पुलिस को भविष्योन्मुखी बनाने पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि दुनिया भर के अनुभव बताते हैं कि जब कोई राष्ट्र विकास के पथ पर बढ़ता है तो देश के बाहर और देश के भीतर से चुनौतियां भी उतनी ही बढ़ती हैं। ऐसे में आपकी चुनौती पुलिसिंग को निरंतर तैयार करेगी। आपकी चुनौती क्राइम के नए तौर-तरीकों को उससे भी इनोवेटिव तरीके से रोकने की है।
प्रधानमंत्री ने पड़ोसी देशों को सुख-दुख का साथी बताते हुए अपराधियों को पकड़ने के लिहाज से भी उपयोगी बताया। उन्होंने कहा कि भूटान हो, नेपाल हो, मालदीव हो, मॉरीशस हो हम सभी सिर्फ पड़ोसी ही नहीं हैं, बल्कि हमारी सोच और सामाजिक तानेबाने में भी बहुत समानता है। हम सभी सुख-दुख के साथी हैं। जब भी कोई आपदा आती है, विपत्ति आती है तो सबसे पहले हम ही एक दूसरे की मदद करते हैं।
इससे पूर्व सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी के निदेशक अतुल करवल ने बताया कि भारतीय पुलिस सेवा के कुल 144 अधिकारी और चार मित्र देश नेपाल, भूटान, मालदीव और मॉरिशस के 34 पुलिस अधिकारी उपस्थित हैं। 6 अगस्त को इनकी पासिंग आउट परेड होगी। दो वर्षीय ट्रेनिंग में पहले दो स्थानों पर क्रमश: रंजीता शर्मा और श्रेया गुप्ता महिला अधिकारी रही हैं।
इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।