प्रधानमंत्री ने देशभर के सरपंचों से की बात, ई-ग्राम स्वराज पोर्टल और स्वामित्व योजना की लॉन्च
नई दिल्ली, 24 अप्रैल (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को पंचायती राज दिवस के मौके पर वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से देशभर के ग्राम सरपंचों से बातचीत की और कहा कि कोरोना संकट काल ने हमें आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा दी है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ग्राम, जिला और राज्य को अपनी आवश्कयताओं पर आत्मनिर्भर बनना चाहती है और इसी क्रम में सरकार ने आज दो बड़ी योजनाओं की शुरुआत की है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को पंचायती राज दिवस पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान ई-ग्राम स्वराज पोर्टल तथा मोबाइल ऐप का उद्घाटन किया। साथ ही उन्होंने स्वामित्व योजना को भी लॉन्च किया। इस दौरान केन्द्रीय पंचायती राज मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर भी उनके साथ थे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज लॉन्च की गई दो महत्वपूर्ण योजना ग्रामीण इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए हैं। उन्होंने कहा कि ई-ग्राम स्वराज पोर्टल के माध्यम से ग्राम पंचायतों के फंड, उसके कामकाज की पूरी जानकारी प्राप्त की जा सकेगी। इसके माध्यम से पारदर्शिता भी आएगी और परियोजनाओं के काम में भी तेजी आएगी। उन्होंने कहा कि स्वामित्व योजना से ग्रामीणों को कई लाभ होंगे, जिसमें संपत्ति को लेकर भ्रम और झगड़े खत्म होंगे। सरकार इस योजना के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र में जमीन की मैपिंग और स्वामित्व तय करेगी। इससे गांव में विकास योजनाओं की प्लानिंग में मदद मिलेगी। साथ ही शहरों की तरह गांवों में भी बैंकों से ऋण लेना संभव हो पाएगा। उन्होंने कहा कि शुरुआत में स्वामित्व योजना को उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, हरियाणा, मध्यप्रदेश और उत्तराखंड में लागू किया जाएगा। इससे मिले अनुभव का इस्तेमाल कर राष्ट्रव्यापी स्तर पर हर गांव में योजना को लागू किया जाएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार डिजिटल को प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने कहा कि छह साल पहले देश की सौ से भी कम पंचायतें ब्रॉडबैंड से जुड़ी थीं। अब सवा लाख से ज्यादा पंचायतों तक ब्रॉडबैंड पहुंच चुका है। इतना ही नहीं, गांवों में कॉमन सर्विस सेंटरों की संख्या भी तीन लाख को पार कर गई है।
मोदी ने कहा कि भारत की ग्रामीण संस्कृति से आज दुनिया प्रेरणा ले रही है। ग्रामीण लोगों ने उन्हें मंत्र दिया है- ‘दो गज दूरी’ का, या कहें ‘दो गज देह की दूरी’ का। इस मंत्र के पालन पर गांवों में बहुत ध्यान दिया जा रहा है। ग्राम समाज के इन प्रयासों से आज दुनिया में चर्चा हो रही है कि कोरोना को भारत ने किस तरह जवाब दिया है।