प्रधानमंत्री ने की उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता:गुरु तेग बहादुर की 400 वीं जयंती

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कहा युवा पीढ़ी तक पहुंचे गुरु का संदेश



नई दिल्ली, 08 अप्रैल (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि सिख गुरु परंपरा व दर्शन को नई पीढ़ी और विश्व समुदाय तक पहुंचाने की जरूरत है। नौवें गुरु तेग बहादुर के 400 वें प्रकाश पर्व से जुड़े आयोजन इसका माध्यम बन सकते हैं। उनकी मानवता की सेवा के दर्शन से दुनिया को प्रेरणा मिलेगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज श्री गुरु तेग बहादुर जी की 400 वीं जयंती (प्रकाश पर्व) को मनाने के लिए उच्च स्तरीय समिति की बैठक की अध्यक्षता की। बैठक का आयोजन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया गया था। बैठक में प्रतिभागियों ने श्री गुरु तेग बहादुर जी के धार्मिक स्वतंत्रता लाने के लिए दिए गए विभिन्न योगदान और बलिदान को याद किया। प्रतिभागियों ने उनकी 400 वीं जयंती पर आयोजित होने वाले स्मरणोत्सव के लिए अपने विचार और सुझाव साझा किए और कहा कि उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं को उजागर करना महत्वपूर्ण है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले 4 शताब्दियों में कोई ऐसा दौर नहीं था जो गुरु तेग बहादुर के प्रभाव के बिना रहा हो। उनका जीवन हमारे लिए प्रेरणा है। इसे नई पीढ़ी तक पहुंचाने की आवश्यकता है ताकि वह उन्हें जाने व समझे। उन्हें सिख गुरु परंपरा से जुड़े जीवन दर्शन को भी बताए जाने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि साल भर तक होने वाले आयोजनों के माध्यम से न केवल श्री गुरु तेग बहादुर जी के संदेश को देश में बल्कि विश्व तक ले जाने की जरूरत है। इस कार्य में उनसे जुड़े कार्यस्थल योजना को ऊर्जा प्रदान करेंगे। उनके भजन व साहित्य प्रेरणा देंगे। हमें इसके लिए डिजिटल माध्यमों का भी उपयोग करना चाहिए। इससे ज्यादा से ज्यादा लोग उनके संदेश से जुड़ पाएंगे।

दुनियाभर में सिख समुदाय और गुरुद्वारों द्वारा की जाने वाली सामाजिक सेवा की सराहना करते हुए प्रधान मंत्री ने कहा कि सिख परंपरा के इस पहलू पर उचित अनुसंधान और प्रलेखन किया जाना चाहिए।

इस दौरान प्रधानमंत्री ने गुरु नानक देव जी 550 वीं जयंती, गुरु तेग बहादुर की 400 वीं जयंती और गुरु गोविंद सिंह के 350वीं जयंती मनाने के अवसर मिलने पर अपनी सरकार को सौभाग्यशाली बताया।

बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री ने श्री गुरु तेग बहादुर जी का संदेश सभी तक पहुंचाने के लिए सामूहिक प्रयासों पर जोर दिया। वहीं संस्कृति सचिव ने स्मरणोत्सव के लिए अब तक उल्लिखित सुझावों पर एक प्रस्तुति दी।

बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, नेता प्रतिपक्ष (राज्यसभा) मल्लिकार्जुन खड़गे, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की प्रधान बीबी जागीर कौर, सांसद सुखबीर सिंह बादल व सुखदेव सिंह ढींडसा, पूर्व सांसद तरलोचन सिंह, अमूल एमडी आर एस सोढ़ी, प्रख्यात विद्वान अमरजीत सिंह ग्रेवाल और अन्य शामिल हुए।

 


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