दुख व निराशा से दूर रहकर जन-जन की सेवा सिखाते हैं बुद्ध : प्रधानमंत्री

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नई दिल्ली, 06 मई (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए कहा कि भगवान बुद्ध ने हमें कष्ट के समय में निराशा और दुख से दूर रहते हुए सेवा का मार्ग सुझाया है। हमें भी इस संकट की घड़ी में लोगों की सेवा करनी चाहिए और इसी को पथ प्रदर्शक मानते हुए भारत विश्व की हर संभव सहायता कर रहा है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उक्त बातें गुरुवार को बुद्ध पूर्णिमा (वेसाक) पर आयोजित वर्चुअल प्रार्थना समारोह में भाग लेते हुए कहीं। वेसाक-बुद्ध पूर्णिमा को ट्रिपल धन्य दिवस के रूप में माना जाता है, तथागत गौतम बुद्ध का जन्म, ज्ञान प्राप्ति और महा परिनिर्वाण इसी दिन हुआ था।

 

प्रधानमंत्री ने कहा कि बुद्ध केवल एक नाम नहीं बल्कि पवित्र विचार हैं, जो प्रत्येक मानव के हृदय में समाया हुआ है। बुद्ध के संदेश ने भारत की संस्कृति को हमेशा दिशा दिखाई है। देश की सांस्कृतिक विरासत को समृद्ध करते हुए उन्होंने कहा है कि स्वयं अपना दीपक बनकर जगत में प्रकाश करें। आज इतने वर्षों बाद भी भगवान बुद्ध का संदेश अपनी प्रासंगिता बरकरार रखते हुए हमारे जीवन में प्रवाहमान बना हुआ है।

 

प्रधानमंत्री ने कहा कि बुद्ध ने तप और त्याग का रास्ता दिखाया है। आज इस संकट की घड़ी में लोग इसी मार्ग को अपनाते हुए 24 घंटे काम करते हुए लोगों की सेवा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में कोरोना संकट के समय दुख और निराशा का भाव मन में आ रहा है। ऐसे में बुद्ध का संदेश हमारा मार्गदर्शक बना है। बुद्ध का कहना है कि थक कर रुक जाना विकल्प नहीं हो सकता, हमें निरंतर प्रयास करना चाहिए। आज संकट की घड़ी में हमसब मिलकर काम कर रहे हैं।

 

मोदी ने कहा कि भगवान बुद्ध ने चार सत्य बताये हैं- दया, करुणा, समभाव व दृष्टाभाव। यह सत्य निरंतर भारत भूमि की प्रेरणा बने हुए हैं। आज भारत नि:स्वार्थ भाव से बिना किसी भेदभाव के देश और दुनिया में संकट में घिरे व्यक्ति के साथ मजबूती से खड़ा है। उन्होंने कहा कि आज का समय लाभ-हानि की चिंता किए बिना लोगों की सेवा करने का है। भारत भी इसी ध्येय को लेकर दुनिया के साथ उनके सहयोग के लिए खड़ा है।

 

संस्कृति मंत्रालय अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (आईबीसी) के सहयोग से दुनिया भर के बौद्ध संघों के सभी प्रमुखों की भागीदारी के साथ इस कार्यक्रम को आयोजित किया गया। इस अवसर पर प्रार्थना समारोहों को पवित्र गार्डन लुम्बिनी(नेपाल), महाबोधि मंदिर-बोधगया, मूलगंध कुटी विहार- सारनाथ, परिनिर्वाण स्तूप-कुशीनगर, अनुराधापुरा स्तूप परिसर (श्रीलंका), बौधनाथ, स्वायंभु, नमो स्तूप (नेपाल) के अलावा अन्य लोकप्रिय बौद्ध स्थल  से लाइव स्ट्रीम किया गया।

 

संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल तथा केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू भी इस कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से उपस्थित रहे।

 

 


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