धैर्य और अनुशासन से काम लें देशवासी इस मुश्किल वक्त में : प्रधानमंत्री

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नई दिल्ली, 21 अप्रैल (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को देशवासियों का आह्वान किया कि वह कोरोना महामारी की दूसरी लहर को पराजित करने के लिए धैर्य और अनुशासन का परिचय दें ताकि देश में फिर से लॉकडाउन लगाने की नौबत न आए। उन्होंने कहा कि सरकार लोगों की प्राण रक्षा के लिए दवाई के साथ कड़ाई की नीति अपना रही है ताकि आर्थिक गतिविधियों पर कम से कम रोक लगाए बिना संकट से उबरा जा सके।

प्रधानमंत्री ने कोरोना महामारी की दूसरी लहर से जूझ रहे देश के नाम अपने संदेश में कहा कि शास्त्रों में कहा गया है कि कठिन समय में धैर्य न खोने, सही निर्णय लेने और सही दिशा में प्रयास करने से सफलता मिलती है। उन्होंने कहा कि कल नवरात्रि का आखिरी दिन है और रामनवमी भी है। राम हमें मर्यादाओं का पालन करना सिखाते हैं। वहीं रमजान का सातवां दिन है और यह हमें धैर्य, आत्मसंयम और अनुशासन की सीख देता है।

महामारी की नई लहर के मद्देनजर देश के कई राज्यों में लॉकडाउन का सहारा लिए जाने का उल्लेख करते हुए मोदी ने राज्य सरकारों से कहा कि यह आखिरी विकल्प होना चाहिए। साथ ही उन्होंने देशवासियों से आग्रह किया कि वे आत्मसंयम और अनुशासन का पालन करें ताकि कर्फ्यू जैसे प्रतिबंधों की जरूरत न पड़े और लॉकडाउन की नौबतन आये। उन्होंने आम नागरिकों से आग्रह किया कि वह  स्थानीय स्तर पर अनुशासन समितियां गठित कर कोरोना नियमों का पालन करवाएं।

इस अभियान में प्रधानमंत्री ने बच्चों से शामिल होने का भी आह्वान किया। उन्होंने कहा कि स्वच्छता अभियान में ‘बाल मित्रों’ ने बहुत अहम भूमिका निभाई थी। उसी प्रकार से अब बाल मित्रों को चाहिए कि वे अपने माता-पिता और अभिभावकों और बुजुर्गों को अनावश्यक रूप से घर से बाहर जाने से रोंके।

प्रधानमंत्री ने लोगों से अपील की कि वह इस कठिन दौर में अधिक से अधिक लोगों और जरूरतमंदों तक मदद पहुंचायें।

उन्होंने कहा कि सरकार देश के विभिन्न हिस्सों में ऑक्सीजन, वैक्सीन और अन्य दवाओं को उपलब्ध कराने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि आज ही उन्होंने वैक्सीन निर्माताओं, दवा कंपनियों के संचालकों से बात कर वैक्सीन उत्पादन बढ़ाने का आग्रह किया है।

प्रधानमंत्री ने देश में चलाये जा रहे टीकाकरण अभियान का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार ने एक मई के बाद से 18 वर्ष के ऊपर के सभी को वैक्सीन देने का फैसला किया है। अब बुजुर्गों के साथ ही इस आयु वर्ग के लोग वैक्सीन खुराक ले सकेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में बन रही वैक्सीन का आधा हिस्सा सीधे राज्यों और अस्पतालों को मिलेगा।

मोदी ने देशवासियों से कहा कि वे डर और घबराहट से बचें। इस संबंध उन्होंने देश के विभिन्न हिस्सों से अपने घरों को वापस लौट रहे मजदूरों का जिक्र किया। उन्होंने श्रमिकों से अपील की कि वह जहां भी हैं वहीं रहें। साथ ही उन्होंने राज्य सरकारों से दरख्वास्त की कि ऐसे हालात बनाये और मजदूरों का भरोसा जीते ताकि वह अफरा-तफरी में घर न लौटें । मोदी ने कहा कि श्रमिकों को टीकाकरण अभियान का तेजी से लाभ पहुंचाया जाना चाहिए। मजदूर जहां है वहीं टीका लगायें।

देश के विभिन्न हिस्सों और अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी के बारे में उन्होंने कहा कि उत्पादन इकाइयों से इसकी उपलब्धता बढ़ाने के लिए कहा गया है। मोदी ने देश में एक साल पहले के हालात की याद दिलाते हुए कहा कि उस समय न तो देश में पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाएं थी और न ही परीक्षण प्रयोगशालाएं थे। वहीं आज दो भारत निर्मित वैक्सीन उपलब्ध हैं। इनके बलबूते ही भारत में दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है।

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान कई विषयों पर सरकार की नीति और कार्यों की चर्चा की। कोरोना संक्रमितों के प्रति संवेदनशीलता दिखाई और कहा कि वह मृतकों के परिजनों के साथ दुख में शामिल हैं। साथ ही उन्होंने कोरोना की लड़ाई में लगे  सभी डाक्टर, मेडिकल, पैरामेडिकल, सुरक्षाबल, सफाई कर्मी, ड्राइवरों की सराहना की।

 


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