प्रधानमंत्री ने आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन किया लॉन्च, प्रत्येक नागरिक को मिलेगी यूनिक हेल्थ आईडी
नई दिल्ली, 27 सितंबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) का शुभारंभ किया। इसके तहत प्रत्येक नागरिक को एक यूनिक डिजिटल हेल्थ आईडी प्रदान की जाएगी, जिसमें उनके स्वास्थ्य से जुड़ी सारी जानकारी होगी।
गरीब और मध्यम वर्ग के ऐसे मरीजों का इसका सबसे बड़ा फायदा होगा जो उपचार के लिए गांवों से शहरों और दूसरे राज्यों में जाते हैं। वह अब बिना डॉक्टरों के पर्चे लिए देश के किसी भी कोने में इलाज के लिए जाएंगे तो डॉक्टर सिर्फ उनकी आईडी से यह जान सकेंगे कि उन्हें पहले कौन सी बीमारी रही है और उसका क्या इलाज किया गया है। 15 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री ने लाल किले की प्राचीर से आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन की घोषणा की थी।
प्रधानमंत्री ने इस मौके पर देश में डिजिटल पहल की सराहना करते हुए कहा कि आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण है। पिछले सात सालों में देश की स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने का अभियान आज एक नए चरण में प्रवेश कर रहा है। उन्होंने इस चरण को असाधारण बताते हुए कहा कि आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन में भारत की स्वास्थ्य सुविधाओं में क्रांतिकारी बदवाल लाने की क्षमता है।
प्रधानमंत्री ने इस तथ्य को रेखांकित किया कि 130 करोड़ आधार नंबर, 118 करोड़ मोबाइल ग्राहक, लगभग 80 करोड़ इंटरनेट उपयोगकर्ता, करीब 43 करोड़ जनधन बैंक खातों के साथ इतना बड़ा जुड़ा हुआ बुनियादी ढांचा दुनिया में कहीं नही है। उन्होंने कहा कि यह डिजिटल बुनियादी ढांचा राशन से लेकर प्रशासन तक सब कुछ तेज और पारदर्शी तरीके से आम भारतीय तक पहुंचा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज शासन सुधारों में जिस तरह से प्रौद्योगिकी को इस्तेमाल किया जा रहा है वह अभूतपूर्व है।
प्रधानमंत्री ने आरोग्य सेतु ऐप की उपयोगिता का उल्लेख करते हुए कहा कि ऐप ने कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने में बहुत मदद की है। उन्होंने सबको वैक्सीन, मुफ्त वैक्सीन अभियान के तहत 90 करोड़ वैक्सीन डोज लगाने का रिकॉर्ड बनाने के लिए को-विन की सराहना की।
स्वास्थ्य में प्रौद्योगिकी के उपयोग की थीम को जारी रखते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में टेलीमेडिसिन का भी अभूतपूर्व विस्तार हुआ है। ई-संजीवनी के माध्यम से अब तक लगभग सवा करोड़ दूरस्थ परामर्श (रिमोट कंसल्टेशन) पूरे हो चुके हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सुविधा देश के दूर-दराज के हिस्सों में रहने वाले हजारों देशवासियों को घर बैठे शहरों के बड़े अस्पतालों के डॉक्टरों से प्रतिदिन जोड़ रही है।
प्रधानमंत्री ने टिप्पणी की कि आयुष्मान भारत-पीएम जेएवाई ने गरीबों के जीवन में एक प्रमुख चिंता को दूर किया है। इस योजना के तहत अब तक 2 करोड़ से अधिक देशवासियों ने मुफ्त इलाज की सुविधा का लाभ उठाया है, जिनमें से आधी महिलाएं हैं। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि बीमारियां परिवारों को गरीबी के दुष्चक्र में धकेलने के प्रमुख कारणों में से एक हैं और परिवारों की महिलाएं सबसे ज्यादा पीड़ित हैं क्योंकि वे हमेशा अपने स्वास्थ्य के मुद्दों को पृष्ठभूमि में ले जाती हैं। मोदी ने कहा कि उन्होंने आयुष्मान के कुछ लाभार्थियों से व्यक्तिगत रूप से मिलने का फैसला किया है और उन्होंने बातचीत के दौरान योजना के लाभों का अनुभव किया है। उन्होंने कहा, “ये स्वास्थ्य सेवा समाधान देश के वर्तमान और भविष्य में एक बड़ा निवेश हैं।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि आयुष्मान भारत-डिजिटल मिशन अब देश भर के अस्पतालों के डिजिटल स्वास्थ्य समाधानों को एक-दूसरे से जोड़ेगा। उन्होंने कहा कि मिशन न केवल अस्पतालों की प्रक्रियाओं को सरल बनाएगा बल्कि जीवन की सुगमता को भी बढ़ाएगा। इसके तहत अब प्रत्येक नागरिक को एक डिजिटल हेल्थ आईडी मिलेगी और उनका स्वास्थ्य रिकॉर्ड डिजिटल रूप से सुरक्षित रहेगा।
प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत समग्र और समावेशी स्वास्थ्य मॉडल पर काम कर रहा है। एक मॉडल जो निवारक स्वास्थ्य देखभाल और बीमारी के मामले में आसान, किफायती और सुलभ उपचार पर जोर देता है। उन्होंने स्वास्थ्य शिक्षा में अभूतपूर्व सुधारों पर भी चर्चा की और कहा कि 7-8 साल पहले की तुलना में अब भारत में बहुत अधिक संख्या में डॉक्टर और समान चिकित्सा जनशक्ति तैयार की जा रही है। देश में एम्स और अन्य आधुनिक स्वास्थ्य संस्थानों का एक व्यापक नेटवर्क स्थापित किया जा रहा है और हर तीन लोकसभा क्षेत्रों में एक मेडिकल कॉलेज की स्थापना का काम चल रहा है। उन्होंने गांवों में स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने की भी बात की और बताया कि गांवों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नेटवर्क और स्वास्थ्य केंद्रों को मजबूत किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि 80 हजार से अधिक ऐसे केंद्र पहले ही संचालित हो चुके हैं।
विश्व पर्यटन दिवस पर आज के कार्यक्रम के आयोजन का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य का पर्यटन से बहुत गहरा संबंध है। क्योंकि जब हमारा स्वास्थ्य ढांचा एकीकृत और मजबूत होता है तो वह पर्यटन क्षेत्र में भी सुधार करता है।
इस मौके पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि 15 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री ने लाल किले की प्राचीर से आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन की घोषणा की थी। मुझे खुशी है कि वह आज इसे लॉन्च कर रहे हैं। मुझे विश्वास है कि इससे स्वास्थ्य क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव आएगा। उन्होंने कहा कि इसे मरीजों के मेडिकल रिकॉर्ड नष्ट या खो जाने की समस्या से निजात मिलेगी। अब डिजिटल फॉर्मेट में मरीजों का यह डाटा सुरक्षित रहेगा। उन्होंने कहा कि अब डिजिटल कंसलटेशन से मरीजों का उपचार किया जा सकेगा।