पीएम आवास योजना के तहत आवास निर्माण में बंगाल अव्वल

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रिपोर्ट के मुताबिक अभी तक इस योजना के तहत देशभर में 90 लाख 49 हजार 507 मकान बनाए गए हैं। इनमें से अकेले पश्चिम बंगाल में 13 लाख 69 हजार 108 मकान बने हैं। दूसरे व तीसरे नंबर पर क्रमशः मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश हैं। गुजरात टॉप-10 में भी नहीं है।



कोलकाता, 01 जुलाई (हि.स.)। केन्द्र और राज्य सरकारों के बीच विभिन्न परियोजनाओं पर टकराव के बावजूद ग्रामीण क्षेत्रों में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास निर्माण के मामले में पश्चिम बंगाल शीर्ष पर है। केन्द्रीय ग्रामीण विकास विभाग की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
रिपोर्ट के मुताबिक अभी तक इस योजना के तहत देशभर में 90 लाख 49 हजार 507 मकान बनाए गए हैं। इनमें से अकेले पश्चिम बंगाल में 13 लाख 69 हजार 108 मकान बने हैं। दूसरे व तीसरे नंबर पर क्रमशः मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश हैं। गुजरात टॉप-10 में भी नहीं है।
पश्चिम बंगाल ग्राम उन्नयन विभाग के मुताबिक प्रदेश आवास निर्माण में अचानक अव्वल नहीं बना है बल्कि इसके लिए धीरे-धीरे काम किया गया था।
रिपोर्ट के मुताबिक वित्तवर्ष 2017-18 में पूरे देश में 44.54 लाख मकान बने थे। इनमें से पश्चिम बंगाल तीसरे स्थान पर था। तब उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक दो लाख 87 हजार 605 मकान बनाए गए थे। दूसरे स्थान पर मध्यप्रदेश था और दो लाख 18 हजार 980 मकान तैयार कर पश्चिम बंगाल तीसरे स्थान पर था। चौथे स्थान पर छत्तीसगढ़ और पांचवें स्थान पर ओडिशा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2022 तक सबके लिए आवास मुहैया कराने की समय सीमा तय की है।
वित्तवर्ष 2018-19 में ग्रामीण क्षेत्रों में एक करोड़ मकान तैयार करने का लक्ष्य तय किया गया था, लेकिन इसे पूरा नहीं किया जा सका था। तब 80 लाख के करीब मकान तैयार हो सके थे। अब तक की जो रिपोर्ट है उसमें देशभर में तैयार कुल मकान का 15 प्रतिशत हिस्सा अकेले बंगाल में बना है। पश्चिम बंगाल में पांच जिले जिसमें उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना, मुर्शिदाबाद, बीरभूम और पूर्व बर्दवान अव्वल हैं।
राज्य ग्रामीण विकास विभाग के मुताबिक वित्तवर्ष 2019-20 में पूरे देश में 60 लाख मकान तैयार करने का लक्ष्य तय किया गया है। इसके लिए 76 हजार 500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इसमें से केन्द्र सरकार ने 48 हजार 195 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जबकि बाकी 28 हजार 305 करोड़ रुपये विभिन्न राज्यों को देना है।

 


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