नई दिल्ली, 17 मई (हि.स.)। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने रविवार को ‘प्रधानमंत्री ई-विद्या’ शुरू करने के लिए केंद्र सरकार की सराहना करते हुए कहा कि ‘प्रधानमंत्री ई-विद्या’ डिजिटल प्लेटफॉर्म से 25 करोड़ स्कूल जाने वाले छात्र-छात्राएं लाभान्वित होंगे। उच्च शिक्षा के लिए सौ विश्वविद्यालयों को ऑनलाइन पाठ्यक्रम शुरू करने की अनुमति दी गई है।
केंद्र सरकार ने कोरोना और लॉक डाउन के मद्देनजर शिक्षा को डिजिटल माध्यमों से जारी रखने के लिए देश में शीर्ष 100 विश्वविद्यालयों को ऑनलाइन पाठ्यक्रम शुरू करने की अनुमति देने के साथ ही ‘प्रधानमंत्री ई-विद्या’ पहली कक्षा से 12 वीं तक सभी के लिए एक-एक समर्पित टीवी चैनल शुरू करने की घोषणा की। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) के आधार पर शीर्ष सौ विश्वविद्यालयों का चयन किया जाएगा।
प्रधानमंत्री ई-विद्या डिजिटल, ऑनलाइन, ऑन-एयर शिक्षा से संबंधित सभी प्रयासों को एकीकृत करता है ताकि शिक्षा के लिए बहु-मोड का उपयोग किया जा सके। इसमें राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों में स्कूली शिक्षा के लिए गुणवत्तापूर्ण ई-सामग्री प्रदान करने के लिए देश का डिजिटल बुनियादी ढांचा और सभी ग्रेड (एक राष्ट्र, एक डिजिटल प्लेटफॉर्म) के लिए क्यूआर कोडित एनर्जेटिक टेक्स्टबुक होगी। स्कूल और उच्च शिक्षा के लिए एमओसीएस प्रारूप में स्वयंम ऑनलाइन पाठ्यक्रम होगा। इसमें कक्षा 1 से 12 तक प्रति वर्ग टीवी चैनल (एक वर्ग, एक चैनल) होगा। इसमें प्रत्येक कक्षा के लिए छह घंटे के कार्यक्रम की योजना बनाने की आवश्यकता है। सुबह आठ बजे से अपराह्न् दो बजे तक या शाम सात बजे से एक बजे तक। प्रति दिन तीन रिपीट टेलीकास्ट के साथ सप्ताह के सभी दिन 24 घंटे। यह प्रत्येक बच्चे को स्लॉट्स को सुविधाजनक रूप से चुनने और शैक्षिक कार्यक्रमों का सार्थक उपयोग करने की सुविधा प्रदान करेगा।
निशंक ने कहा कि दृष्टिबाधित और श्रवण बाधित बच्चों के लिए विशेष ई-सामग्री, डिजिटल रूप से सुगम्य सूचना प्रणाली (डीएआईएसवाई) पर विकसित और एनआईओएस वेबसाइट / यूट्यूब पर सांकेतिक भाषा में दिव्यांग बच्चों के लिए अध्ययन सामग्रीउपलब्ध कराई गई है। उन्होंने कहा कि शिक्षा की पहुंच अधिक व्यापक बनाने के लिए रेडियो, सामुदायिक रेडियो और सीबीएसई पॉडकास्ट- शिक्षा वाणी का व्यापक उपयोग। आईआईटी जेईई और नीट की तैयारी के लिए आईआईटीपीएल की भी घोषणा की गई।
दीक्षा-डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर फॉर नॉलेज शेयरिंग
दीक्षा पोर्टल और मोबाइल ऐप मानव संसाधन विकास मंत्रालय और सरकार द्वारा बनाया गया है। भारत राज्यों व संघ शासित प्रदेशों और राष्ट्रीय स्तर के संगठनों द्वारा निर्मित बड़ी संख्या में ई-बुक्स और ई-कॉन्टेंट्स का एक स्टोर हाउस है। एनसीईआरटी और संबंधित ई कंटेंट की तीर टेक्स्ट बुक, क्यूआर संहिताओं के साथ मैप की गई हैं। इस की परिकल्पना वन नेशन वन डिजिटल पोर्टल के रूप में की जा रही है। इस पर 15 भाषाओं में सामग्री है – असमिया, बंगाली, अंग्रेजी, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, मलयालम, मराठी, ओडिया, सिंधी, तमिल, तेलुगु, उर्दू, छत्तीसगढ़ी। इस पर 22 मार्च से अप्रैल के अंत तक कंटेंट डाउनलोड में कंटेट प्ले और आठ गुना वृद्धि दर्ज की गई है। 23 मार्च से 14 मई तक – 61 करोड़ पृष्ठ हिट हुए हैं।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने स्वीट संदेश में कहा भारत सरकार की इस पहल से हमारी शिक्षा व्यवस्था और अधिक मजबूत, समावेशी एवं उपयोगी साबित होगी और देश के करोड़ों छात्र-छात्राएं इससे लाभान्वित होंगे उन्होंने कहा उच्च शिक्षा में 3.7 करोड़ छात्रों को सीखने के अवसर प्रदान करने और मुक्त, दूरस्थ और ऑनलाइन शिक्षा नियामक ढांचे को उदार बनाकर ई-शिक्षा का विस्तार करने के लिए, शीर्ष 100 विश्वविद्यालय ऑनलाइन पाठ्यक्रम शुरू करेंगे।
निशंक ने कहा कि शिक्षा की पहुंच को और अधिक व्यापक और सुगम बनाने के लिए प्रधानमंत्री के कुशल मार्गदर्शन में वित्त मंत्री और वित्त राज्यमंत्री ने “प्रधानमंत्री ई-विद्या” नामक पहल की शुरुआत की हैं,इसके लिए उनका आभार। उन्होंने कहा राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में स्कूली शिक्षा के लिए गुणवत्तापूर्ण ई-सामग्री प्रदान करने के लिए देश का डिजिटल बुनियादी ढांचा और क्यूआर कोडित एनर्जेटिक टेक्स्टबुक स्कूल और उच्च शिक्षा के लिए ऑनलाइन पाठ्यक्रम के मद्देनजर यह एक अहम पहल है। निशंक ने कहा कि यह मंच डिजिटल, ऑनलाइन, ऑन-एयर शिक्षा से संबंधित सभी प्रयासों को एकीकृत करता है, जिससे 33 करोड़ छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक बहु-मोड पहुंच प्राप्त हो सके।