प्रधानमंत्री के कंधे पर फिर लहराया असमिया स्वाभिमान का प्रतीक ‘गमछा’

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प्रधानमंत्री के पूर्वोत्तर प्रेम की वजह से ही उन्हें 2019 के लोकसभा चुनाव में 2014 के चुनाव से अधिक वोट मिला।



गुवाहाटी, 21 जून (हि.स.)। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुक्रवार को किए गए योगासन के दौरान उनके कंधे पर एक बार फिर से लहराता दिखा असमिया स्वाभिमान का प्रतीक चिह्न ‘असमिया फूलाम गमछा’। शुक्रवार को प्रधानमंत्री के कंधे पर उस समय फिर से यह पूलाम गमछा लहराता दिखा, जब वे रांची में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के कार्यक्रम में योगासन करने पहुंचे थे।
रांची के धुर्वा स्थित प्रभात तारा मैदान में 30 हजार से ज्यादा लोगों के साथ योग करने के समय प्रधानमंत्री मोदी के गले में असमिया गमछा देखकर असम के लोग अभिभूत हो गए। प्रधानमंत्री द्वारा इस प्रकार असमिया संस्कृति एवं असमिया स्वाभिमान के प्रतीक चिह्न को सम्मान देने को लेकर असमवासियों में काफी खुशी देखने को मिले। प्रधानमंत्री बनने के बाद से ही नरेन्द्र मोदी जिस प्रकार फूलाम गमछा को अपने गले में अनेक अवसर पर पहना करते हैं, उससे असमिया फूलाम गमछा को विश्वस्तर पर पहचान मिल रही है। प्रधानमंत्री मोदी फूलाम गमछा के प्रति अपना सम्मान बार-बार व्यक्त करते हैं। इतना ही नहीं असम और पूरे पूर्वोत्तर के प्रति उनका हमेशा ही विशेष लगाव देखने को मिलता है।
प्रधानमंत्री के रूप में नरेन्द्र मोदी जितनी बार पूर्वोत्तर में आ चुके हैं, ऐसा पहले कभी भी किसी प्रधानमंत्री द्वारा नहीं किया गया। प्रधानमंत्री के पूर्वोत्तर प्रेम की वजह से ही उन्हें 2019 के लोकसभा चुनाव में 2014 के चुनाव से अधिक वोट मिला। प्रधानमंत्री मोदी की जो लोकप्रियता पूर्वोत्तर में दिखती है, ऐसा किसी भी प्रधानमंत्री के लिए पहले नहीं देखी गई।

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