लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति की मांग को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका

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याचिका में कहा गया है कि यह कहना गलत है तो दस फीसदी सदस्यों वाली पार्टी के नेता को ही विपक्ष का नेता नियुक्त करने की मान्यता गलत है।



नई दिल्ली, 22 जून (हि.स.)। 17वीं लोकसभा में विपक्ष का नेता नियुक्त करने की मांग करने वाली याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में दायर की गई है। याचिका में लोकसभा के स्पीकर को इसके लिए दिशानिर्देश जारी करने की मांग की गई है। याचिका वकील मनमोहन सिंह ने दायर किया है। इस याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट 26 जून को सुनवाई करेगा।
याचिका में विपक्ष के नेता की नियुक्ति के लिए एक नीति बनाने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि 17वीं लोकसभा के अस्तित्व में आने के बाद कांग्रेस 52 सदस्यों के साथ विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी के रुप में उभरकर आई है उसके बावजूद विपक्ष के नेता की नियुक्ति नहीं की गई है। याचिका में कहा गया है कि सैलरीज एंड अलाउएंसेज ऑफ लीडर ऑफ अपोजिशन इन पार्लियामेंट एक्ट 1977 में विपक्ष के नेता की नियुक्ति को लेकर प्रक्रिया बताई गई है। उसमें कहा गया है कि सबसे बड़े विपक्षी दल के आग्रह पर उसके नेता को स्पीकर विपक्ष का नेता नियुक्त कर सकता है।
याचिका में कहा गया है कि यह कहना गलत है तो दस फीसदी सदस्यों वाली पार्टी के नेता को ही विपक्ष का नेता नियुक्त करने की मान्यता गलत है। याचिका में कहा गया है कि विपक्ष का नेता नियुक्त करना राजनीतिक या अंक गणितीय फैसला नहीं है बल्कि यह एक वैधानिक फैसला है। स्पीकर एक वैधानिक पद हैं इसलिए इसमें विवेकाधिकार का प्रश्न नहीं है बल्कि यह वैधानिक सवाल है। याचिका में कहा गया है कि विपक्ष के नेता की नियुक्ति इसलिए भी जरूरी है कि अगर सरकार गिरती है तो वह वैकल्पिक सरकार बनाने की जिम्मेदारी का वहन करे।

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