फ्रेट कॉरिडोर का काम जल्दी पूरा करने के लिए परियोजना की कड़ी निगरानी और ठेकेदारों को प्रोत्साहित करें: पीयूष गोयल

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नई दिल्ली, 01 सितम्बर (हि.स.)। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को रेलवे अधिकारियों से कहा कि वे डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) परियोजना की कड़ी निगरानी और ठेकेदारों को निर्धारित समय से पहले काम पूरा करने के लिए प्रोत्साहित करें।
रेल मंत्री ने मंगलवार को एक बैठक में देश में समर्पित रेल गलियारे के लिए गठित डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉर्पोरेशन इंडिया लिमिटेड (डीएफसीसीआईएल) के कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। बैठक में रेलवे बोर्ड, डीएफसीसीआईल और सीआरबी के सभी शीर्ष अधिकारियों तथा अनुबंध पर काम करने वाली एजेंसियों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
गोयल ने परियोजनाओं पर तेजी से काम करने के लिए सभी ठेकेदारों,वेंडरों और आपूर्तिकर्ताओं के साथ नियमित साप्ताहिक बैठक करने की सलाह दी। उन्होंने रेल अधिकारियों से कहा कि वे निर्धारित अवधि के भीतर या उससे पहले अपना काम पूरा करने के इच्छुक ठेकेदारों को प्रोत्साहन के रूप में कुछ तरह की रियायतें देने की संभावना का पता लगाना चाहिए।
उन्होंने डीएफसीसीआईएल द्वारा वास्तविक समय के आधार पर ‘किलोमीटर दर किलोमीटर’ परियोजना की निगरानी और अनुवर्ती कार्रवाई के लिए एक डैशबोर्ड बनाने को कहा। यह रेलवे बोर्ड के अधिकारियों के लिए भी सुलभ होगा। डैशबोर्ड का प्रावधान तत्काल आधार पर अनुबंध से संबधित कार्यों के निष्पादन से जुड़े सभी मामलों का समाधान निकालने में भी मदद करेगा।
गोयल ने डीएफसीसीआईएल की प्रबंधन टीम और ठेकेदारों को पश्चिमी समर्पित माल गलियारे डीएफसी (1504 मार्ग किमी) और पूर्वी समर्पित माल गलियारे (1856 मार्ग किमी) के सभी वर्गों पर तेजी से काम करने के लिए हर संभव कदम उठाने का निर्देश दिया। समीक्षा बैठक में, प्रत्येक सेक्शन में हुई कार्य प्रगति पर विस्तार से चर्चा की गई और सभी व्यवधानों का हल निकालते हुए सुचारू प्रगति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।
बैठक में यह तय किया गया कि सभी ठेकेदारों के काम की कड़ी निगरानी की जाएगी। राज्यों के साथ समन्वय सहित सभी मुद्दों का समाधान मिशन मोड पर किए जाएगा। मंत्रालय की ओर से पहले ही सभी संबंधित राज्यों को अंतर्देशीय, आरओबी तथा कानून और व्यवस्था से संबधित लंबित मुद्दों को जल्दी हल करने के लिए पत्र लिखा जा चुका है।
उल्लेखनीय है कि समर्पित माल गलियारा केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई सबसे बड़ी रेल अवसंरचना परियोजनाओं (3360 मार्ग किमी की कुल लंबाई) में से एक है। इसकी कुल लागत 81,459 करोड़ रुपये आंकी गई है। इन डीएफसी को पूरा करने की पहले समय सीमा दिसंबर 2021 निर्धारित थी, रेलवे ने हाल ही में कहा कि कोविड -19 महामारी के कारण इसे जून 2022 तक बढ़ा दिया गया है। डीएफसीसीआईएल की स्थापना समर्पित माल गलियारे के ​निर्माण, रखरखाव और संचालन के लिए वित्तीय संसाधन जुटाने के विशेष उद्देश्य के साथ की गई है।

 


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