दिल्ली में 27.96 रुपये का पेट्रोल मिल रहा 71.26 रुपये का, जानिए कितना है टैक्स
नई दिल्ली, 05 मई (हि.स.)। दिल्ली सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर लगने वाला वैट को बढ़ा दिया है। केजरीवाल सरकार ने पेट्रोल पर वैट 27 फीसदी से बढ़ाकर 30 फीसदी किया है, जबकि डीजल पर वैट 16.75 फीसदी से बढ़ाकर 30 फीसदी कर दिया है। इसी के साथ दिल्ली में पेट्रोल 1.67 रुपये प्रति लीटर और डीजल 7.10 रुपये प्रति लीटर महंगा हो गया है।
दिल्ली सरकार ने कोविड-19 की वैश्विक महामारी और देशव्यापी लॉकडाउन 3.0 बीच कोविड सेस के नाम पर वैट बढ़ाया है, जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में बड़ी गिरावट आई है। गौरतलब है कि सरकार पेट्रोल और डीजल पर भारी टैक्स लगाती है। इसके चलते पेट्रोल और डीजल अपनी सही कीमत की तुलना में दोगुना से भी ज्यादा महंगे दामों पर महंगा बिकता है।
इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड की वेबसाइट के मुताबिक 5 मई, 2020 को दिल्ली में पेट्रोल का आधार मूल्य 27.96 रुपए था, जो विभिन्न टैक्स लगने पर 71.26 रुपये हो गया। इसमें भाड़ा और अन्य खर्च का 0.32 रुपये के साथ तेल कंपनी डीलर से 28.28 रुपये चार्ज करती है! इसमें एक्साइज ड्यूटी का 22.98 रुपये, डीलर के कमीशन का (औसत) 3.56 रुपये और वैट का 16.44 रुपये जो (डीलर के कमीशन पर वैट के साथ) इसमें शामिल होने के बाद पेट्रोल का दाम बढ़कर इतना हो जाता है।
इसी तरह आईओसी की वेबसाइट के अनुसार 5 मई 2020 की स्थिति में दिल्ली में डीजल का आधार मूल्य 31.49 रुपये था, जोकि विभिन्न टैक्स लगने के बाद 69.39 रुपये का हो गया। इसमें भाड़ा और अन्य खर्च के 0.29 रुपये, एक्साइज ड्यूटी के 18.83 रुपये, डीलर के कमीशन के (औसत) 2.52 रुपये और राज्य का वैट जो कि (डीलर के कमीशन पर वैट के साथ) 16.26 रुपये शामिल है। इसकी वजह से कीमत बढ़कर इतनी हो जाती है।
उल्लेखनीय है कि पेट्रोल और डीजल की बिक्री से केंद्र और राज्य को बड़ी कमाई होती है। दरअलस केंद्र और राज्य सरकारें अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पेट्रोल और डीजल पर टैक्स लगाती है, जिससे होने वाली कमाई सामाजिक कार्यों पर खर्च करती है। लॉकडाउन के चलते पेट्रोल-डीजल की बिक्री थम सी गई है, जिसकी वहज से सरकार की आमदनी घट गई है। वहीं, दिल्ली से पहले असम, नगालैंड, और मेघालय की सरकार ने भी तेल की कीमतों पर सेस लगाया था। इस वजह से इन राज्यों में भी पेट्रोल और डीजल की कीमत बढ़ चुकी है।