मुंबई, 14 अप्रैल (हि.स.)। बांद्रा रेलवे स्टेशन के पास गांव जाने के लिए मंगलवार को हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूर एकत्रित हो गए। इन्हें भगाने के लिए पुलिस ने हल्का लाठीचार्ज करना पड़ा। भारतीय जनता पार्टी के नेता व पूर्व मंत्री आशीष शेलार ने कहा है कि सभी जगह पुलिस तैनात है, लाॅकडाउन है, इसके बावजूद इतनी बड़ी संख्या में लोग कैसे जमा हो गए? लॉकडाउन टूट गया। इसका मतलब इंटेलीजेंस फेल हो गया। इस मामले की जांच होनी चाहिए।
भाजपा नेता व पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने कहा है कि राज्य सरकार परप्रांतीय मजदूरों को भोजन व अनाज उपलब्ध नहीं करवा सकी, इसी वजह से इतनी बड़ी संख्या में लोग जमा हुए। वहीं गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा है कि सभी मजदूर आज 14 दिन का लाकडॅाऊन समाप्त होने के बाद अपने-अपने गांव जाना चाहते थे। उनका धैर्य खत्म हो गया जिससे वे यहां जमा हो गए थे। सभी आसपास के ही रहने वाले हैं। पुलिस की सख्ती के बाद सभी लोग अपने-अपने घर चले गए।
गृहमंत्री ने कहा कि अगर किसी ने सोशल मीडिया का दुरुपयोग किया होगा तो कठोर कार्रवाई की जाएगी। अब तक 197 मामले दर्ज किए गए हैं और 37 लोगों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है। इसलिए लोग सावधान रहें और गृहविभाग को सहयोग करें। इस मामले को भी जिसने भी सोशल मीडिया में पोस्ट किया होगा, जांच की जाएगी।
गृहमंत्री ने कहा कि परप्रांतीय मजदूरों के लिए राज्य सरकार भरपूर मात्रा में राशन और भोजन उपलब्ध करवा रही है। सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों की प्रधानमंत्री के साथ हुई बैठक में परप्रांतीय मजदूरों को उनके मूल गांव वापस जाने के मामले पर चर्चा की गई थी। लेकिन उस समय बैठक में कहा गया था कि मजदूरों के इस तरह आवाजाही से कोरोना का बड़े पैमाने पर प्रसार हो सकता है। यह सब सोशल डिस्टैसिंग को ध्यान में रखकर किया गया था। उन्होंने कहा कि इस तरह मजदूरों की गांव जाने की भीड़ दिल्ली में और गुजरात में भी जमा हो चुकी है और स्थानीय पुलिस ने उन्हें इसी तरह उनके घरों में भेज दिया था।
पूर्व विधायक बाबा सिद्दीकी ने कहा कि बांद्रा स्टेशन पर जमाव की जानकारी मिलते ही वह घटनास्थल पर पहुंचे। लेकिन भीड़ का कोई नेता नहीं था, इसलिए उन्होंने कुछ लोगों से बात की थी। सभी लोगों ने बताया कि उन्हें सिर्फ उनके मूल गांव जाना है किसी भी तरह ट्रेन शुरू की जाए। यही इनकी मांग है। सिद्दीकी ने बताया कि सभी लोग आसपास के ही झोपड़पट्टी के रहने वाले हैं। छोटे-छोटे कमरों में ये लोग 10-15 की संख्या में रहते हैं। इससे यहां सोशल डिस्टैंसिंग का भी पालन नहीं हो पा रहा है।
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त मनोज शर्मा ने कहा कि रेलवे स्टेशन पर जमा हुए मजदूरों को भगा दिया गया है। सभी मजदूरों की मांग सिर्फ घर जाने की थी। इस समय पूरा क्षेत्र खाली करवा लिया गया है। क्षेत्र को जंतुनाशक दवाओं का छिड़काव भी किया जाएगा।