नई दिल्ली, 06 दिसम्बर (हि.स.)। अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पीस पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की है। पीस पार्टी ने अपनी याचिका में कहा है कि 1949 तक विवादित स्थल पर मुस्लिमों का अधिकार था।
पीस पार्टी ने अपनी याचिका में कहा है कि 1949 तक विवादित स्थल पर मुस्लिमों का अधिकार था। 1949 तक सेंटल डोम के नीचे नमाज अदा की गई थी और कोई भी भगवान की मूर्ति डोम के नीचे तब तक नहीं थी। पीस पार्टी ने कहा है कि पुरातत्व विभाग की रिपोर्ट में भी इस बात के साक्ष्य नहीं हैं कि मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई गई। 1885 में बाहरी अहाते में राम चबूतरे पर हिन्दू पूजा करते थे। आंतरिक हिस्सा मुसलमानों के पास था। पिछले 2 दिसम्बर को जमीयत उलेमा हिन्द ने पुनर्विचार याचिका दायर की थी।
आज चार और पुनर्विचार याचिकाएं मुस्लिम पक्ष की ओर से दायर की जाने वाली हैं। जिनकी तरफ से पुनर्विचार याचिकाएं दायर की जानी हैं उनमें मिसबाहुद्दीन, मौलाना हसबुल्लाह, हाजी महबूब और रिजवान अहमद शामिल हैं।
पिछले 9 नवम्बर को सुप्रीम कोर्ट ने सर्वसम्मत फैसले में अयोध्या की विवादित भूमि पर मंदिर बनाने का आदेश दिया था। तत्कालीन चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान बेंच ने मुसलमानों को वैकल्पिक स्थान पर पांच एकड़ भूमि देने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि विवादित भूमि फिलहाल केंद्र सरकार अधिगृहीत करेगी। केंद्र सरकार तीन महीने के अंदर ट्रस्ट का गठन कर उस भूमि को मंदिर निर्माण के लिए देगी।