नई दिल्ली, 02 दिसम्बर (हि.स)। भारत और चीन के बीच लगातार चल रहे तनाव के बीच
चीन की फिनटेक कंपनी एंट ग्रुप भारतीय डिजिटल पेमेंट कंपनी पेटीएम में 30%
हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही है। मामले के जानकार लोगों का कहना है
कि यह एक कठिन समय है।
अभी तक संभावित लेन-देन (ट्रांजेक्शन) की
फाइनेंशियल डिटेल्स सामने नहीं आई हैं। साथ ही अभी तक बिक्री की प्रक्रिया
भी शुरू नहीं हुई है। गौरतलब है कि एंट ग्रुप चीन के अलीबाबा ग्रुप की
कंपनी है। अलीबाबा चीन सहित कई देशों में पेमेंट्स टू कंज्यूमर क्रेडिट की
सेवा देती है।
अन्य कई कंपनियों के अलावा, पेटीएम में सॉफ्टबैंक का
भी निवेश है। पेटीएम की वैल्यू इस समय 16 अरब डॉलर है। एक साल पहले ही
इसमें हुई प्राइवेट फंडिंग के बाद से ही इसका वैल्यूएशन बढ़ गया है। इस
वैल्यूएशन पर एंट ग्रुप की भारतीय कंपनी में हिस्सेदारी तकरीबन 4.8 अरब
डॉलर की है।
हालांकि इस मामले में पेटीएम और एंट दोनों ने कहा है
कि यह जानकारी गलत है। पेटीएम के अधिकारी ने कहा कि इस तरह की कोई चर्चा
हमारे बड़े शेयरधारक एंट के साथ नहीं हुई है, न ही इस तरह की कोई योजना है,
जिसमें हिस्सेदारी बेची जा रही है।
एंट अगर हिस्सेदारी बेचकर पेटीएम
से निकल जाता है तो चीन की कंपनी के लिए यह एक और बड़ा झटका हो सकता है।
क्योंकि पिछले महीने ही एंट के 37 अरब डॉलर के आईपीओ की लिस्टिंग को
सस्पेंड कर दिया गया था। यह विश्व का सबसे बड़ा आईपीओ था।
इस कदम से
उसकी ग्लोबल पेमेंट्स लीडर बनने की महत्वाकांक्षा को भी झटका लग सकता है।
सूत्रों के अनुसार, अक्टूबर में ही यह खबर आई थी की एंट ओवरसीज से संबंधित
ई-वॉलेट फर्म में अपने फाइनेंशियल सपोर्ट को कम कर रहा है।
नाम ना
बताने कि शर्त पर एक संबंधित अधिकारी ने बताया कि पिछले कुछ महीनों से भारत
और चीन के बीच बिगड़ते रिश्तों के कारण एंट पेटीएम में अपनी हिस्सेदारी
बेचने पर विचार कर रहा है। इसी साल जून में सीमा पर हुई लड़ाई के बाद से
भारत और चीन के बीच तनाव चल रहा है। इसी साल जून में गलवान घाटी में 20
भारतीय जवानों की शहादत के बाद से ही भारत ने चीन से आने वाले निवेश के
नियमों को भी सख्त कर दिया है। भारत ने जिन ऐप्स पर प्रतिबंध लगाया है,
उसमें अलीबाबा के भी ऐप्स हैं।
माना जा रहा है कि एंट अब किसी भी
कंपनी में अपनी हिस्सेदारी नहीं बढ़ाने की योजना बना रहा है। यही नहीं, अगर
इसे किसी कंपनी में वैल्यूएशन में कमी लगती है तो यह उसमें हिस्सेदारी
बेचने की योजना को टाल सकता है।
भारत में अलीबाबा और टेंसेंट जैसे
कई स्टार्टअप हैं, जिनमें चीन की कंपनियों ने पैसा लगाया है। अलीबाबा ने
भारत में अब तक 4 अरब डॉलर का निवेश किया है। यह 2021 तक 5 अरब डॉलर के
निवेश की योजना बना रहा था, जिसे फिलहाल के लिए रोक दिया गया है। एंट ने
पहली बार पेटीएम में 2015 में निवेश किया था और 30 पर्सेंट हिस्सेदारी ली
थी। यह निवेश उसने अपनी पैरेंट कंपनी वन97 कम्युनिकेशन के जरिए किया है।
भारत
में सरकार ज्यादा से ज्यादा डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा दे रही है। इससे ऑन
लाइन लेन-देन और ई-वॉलेट की सेवाओं में तेजी से वृद्धि हो रही है।