पटना-दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस ने अपग्रेड तेजस रैक के साथ शुरू किया परिचालन
नई दिल्ली, 02 सितम्बर (हि.स.)। भारतीय रेलवे ने नए अपग्रेड किए गए तेजस रैक के साथ राजेंद्र नगर टर्मिनल (पटना)-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस का बुधवार से परिचालन शुरू कर दिया। इसके साथ पटना-राजधानी खास तेजस प्रकार के स्मार्ट स्लीपर डिब्बों वाली दूसरी राजधानी एक्सप्रेस बन गई।
रेल मंत्रालय के अनुसार, इस नई ट्रेन में यात्री सुरक्षा और आराम को बढ़ाने के लिए विशेष स्मार्ट सुविधाएं होंगी। इस स्मार्ट कोच का मकसद इंटेलिजेंट सेंसर-आधारित सिस्टम की मदद से यात्रियों को विश्व स्तरीय सुविधाएं प्रदान करना है। ये जीएसएम नेटवर्क कनेक्टिविटी के साथ मुहैया की गई यात्री सूचना और कोच कंप्यूटिंग यूनिट (पीआईसीसीयू) से लैस है, जो रिमोट सर्वर को रिपोर्ट करती है। पीआईसीसीयू यहां डब्ल्यूएसपी, सीसीटीवी रिकॉर्डिंग, टॉयलेट की गंध के सेंसर्स, पैनिक स्विच और आग का पता लगाने वाले तथा अलार्म सिस्टम, वायु गुणवत्ता और चोक फिल्टर सेंसर तथा एनर्जी मीटर के साथ एकीकृत अन्य वस्तुओं का डेटा रिकॉर्ड करेगा।
कोच में मोबाइल चार्जिंग पॉइंट प्रत्येक यात्री के लिए प्रदान किया गया है। बर्थ रीडिंग लाइट प्रत्येक यात्री के लिए प्रदान की गई है। ऊपरी बर्थ पर चढ़ने के लिए सुविधाजनक व्यवस्था है। हर कोच के अंदर दो एलसीडी हैं, जो यात्रियों को यात्रा संबंधी महत्वपूर्ण जानकारियां दिखाते हैं, जैसे- अगला स्टेशन, शेष दूरी, आगमन का अपेक्षित समय, देरी और सुरक्षा संबंधी संदेश।
यात्रियों की सुरक्षा के लिहाज से हर कोच में छह कैमरे लगाए गए हैं जो लाइव रिकॉर्डिंग देते हैं। इनमें दिन और रात में देखने की क्षमता वाले सीसीटीवी कैमरे, कम रोशनी में भी चेहरे की पहचान और नेटवर्क वीडियो रिकॉर्डर मुहैया कराए गए हैं। सारे मुख्य प्रवेश द्वार केंद्रीय रूप से गार्ड द्वारा नियंत्रित हैं। जब तक सभी दरवाजे बंद नहीं हो जाते तब तक ट्रेन नहीं चलेगी।
सभी कोचों में स्वचालित फायर अलार्म और डिटेक्शन सिस्टम लगाए गए हैं। पेंट्री और पावर कारों में अगर आग का पता चलता है तो इनमें स्वचालित अग्नि शमन प्रणाली लगी है। चिकित्सा या सुरक्षा की आपात स्थिति में आपातकालीन टॉक बैक सुविधा है। एंटी-ग्रैफिटी कोटिंग, जेल कोटेड शेल्फ, नए डिजाइन वाले डस्टबिन, डोर लैच एक्टिवेटेड लाइट, एंगेजमेंट डिस्प्ले और शिशु देखभाल वाली सीट इसमें मुहैया कराई गई है।
टॉयलट ऑक्यूपेंसी सेंसर प्रत्येक कोच के अंदर शौचालय की ऑक्यूपेंसी को स्वचालित रूप से प्रदर्शित करता है। किसी भी आपात स्थिति के लिए प्रत्येक शौचालय में पैनिक बटन लगाया गया है। हर कोच में दो शौचालय घोषणा सेंसर इंटीग्रेशन लगे हैं, जो शौचालय के उपयोग के समय ये घोषणा करेंगे कि क्या करें और क्या न करें।