पटना मेट्रो के दो कोरिडोर में होंगे कुल 26 स्टेशन

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13,590 करोड़ से दो चरणों में पूरा होगा कामकोरिडोर-1 का रूट होगा दानापुर-मीठापुर-खेमनीचकमलाही पकड़ी से आइएसबीटी के रूट में शुरू हुआ निर्माण कार्य   



पटना, 22 सितम्बर (हि.स.) । मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को पटना मेट्रो रेल परियोजना का कार्यारंभ की शुरुआत कर दी है। पटना मेट्रो रेल परियोजना का काम पांच वर्षों में पूरा करना है। हालांकि, प्रायोरिटी कॉरिडोर और डिपो का निर्माण अगले तीन वर्षों में ही पूरा करना है। यानी प्रायोरिटी कॉरिडोर और डिपो का निर्माण पूरा होने के बाद पटना में मेट्रो रेल का सफर शुरू हो जाएगा।

कार्यारम्भ के मौके पर  मुख्यमंत्री ने कहा कि पटना मेट्रो रेल परियोजना का शिलान्यास 17 फरवरी, 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। पटना मेट्रो रेल का निर्माण कार्य दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के द्वारा किया जा रहा है। कुल 13,590 करोड़ रुपये की लागत से दो चरणों का कार्य पांच वर्ष के अंदर पूर्ण हो जायेगा। अभी मलाही पकड़ी से बस टर्मिनल तक के कार्य की शुरुआत की जा रही है। पटना मेट्रो की शुरुआत होने से शहर के लोगों को काफी सहूलियत होगी।

कॉरिडोर-1 के तहत दानापुर-मीठापुर-खेमनीचक होगा। इसकी कुल लंबाई 17.933 किमी होगी। इसमें 7.393 किमी उपरिगामी (जमीन से ऊपर) और 10.54 किमी भूमिगत मेट्रो लाइन होगी। वहीं, कॉरिडोर-2 के तहत पटना रेलवे स्टेशन-गांधी मैदान-पाटलिपुत्र बस टर्मिनल होगा। इसकी कुल लंबाई 14.564 किमी होगी। इस रूट में 7.926 किमी भूमिगत और 6.638 किमी उपरिगामी मेट्रो लाइन होगी। कॉरिडोर-1 में कुल 14 मेट्रो स्टेशन होंगे। दानापुर, सगुना मोड़, आरपीएस मोड़, पाटलिपुत्र स्टेशन उपरिगामी होंगे। इसके बाद मेट्रो भूमिगत हो जायेगी। रूकनपुरा, राजाबाजार, पटना चिड़ियाघर, विकास भवन, विद्युत भवन, पटना स्टेशन भूमिगत मेट्रो स्टेशन होंगे। फिर मेट्रो उपरिगामी हो जायेगी। मीठापुर, रामकृष्ण नगर, जगनपुरा और खेमनीचक उपरिगामी मेट्रो स्टेशन होंगे। इस रूट पर पटना स्टेशन और खेमनीचक इंटरचेंज स्टेशन होंगे। कॉरिडोर-2 में सात स्टेशन भूमिगत और पांच स्टेशन उपरिगामी होंगे। पटना स्टेशन, आकाशवाणी, गांधी मैदान, पीएमसीएच, पटना विश्वविद्यालय मोइनुल हक स्टेडियम और राजेंद्र नगर स्टेशन भूमिगत होंगे। जबकि, मलाही पकड़ी, खेमनीचक, भूतनाथ रोड, जीरो माइल और पाटलिपुत्र बस टर्मिनल उपरिगामी मेट्रो स्टेशन होंगे। इस रूट पर खेमनीचक इंटरचेंज स्टेशन होगा।

पाटलिपुत्र बस टर्मिनल में बनेगा डिपो

डीपीआर में पहले दो डिपो प्रस्तावित थे। लेकिन, अब पाटलिपुत्र बस टर्मिनल (पूर्ववर्ती आईएसबीटी बस स्टैंड) के समीप एक ही डिपो का निर्माण किया जायेगा। इन सभी परियोजनाओं पर खर्च होने वाली राशि में 20 फीसदी बिहार सरकार, 20 फीसदी भारत सरकार वहन कर रही है। जबकि, 60 फीसदी राशि जापान इंटरनेशनल कॉपरेशन एजेंसी वहन कर रही है।

तीन वर्षों में पूरा करना है प्रायोरिटी कॉरिडोर और डिपो

पटना मेट्रो रेल परियोजना को लेकर सर्वेक्षण एवं मृदा की जांच पूरी की जा चुकी है। भू-तकनीकी कार्य एवं यातायात सर्वेक्षण कार्य भी पूरा कर लिया गया है। एलाइनमेंट के अंतर्गत आने वाले उपयोगिताओं के कार्य 30 सितंबर तक पूरे कर लिये जायेंगे। एलाइनमेंट के मार्ग में स्थित पेड़ों को काटने और अन्यत्र स्थापित करने को लेकर संयुक्त सर्वेक्षण का कार्य पूरा कर लिया गया है। इसके लिए वन एवं पर्यावरण विभाग से अनुमति भी मिल गयी है। पांच वर्षों में पूरे होनेवाले पटना मेट्रो रेल परियोजना का प्रायोरिटी कॉरिडोर और डिपो का निर्माण तीन वर्षों में ही पूरा करना है।

 


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