मैंने संकल्प एवं संयम के साथ कोरोना को हराया : अनिथा विनोद
नई दिल्ली, 01 अप्रैल (हि.स.)। संकल्प और संयम महज दो शब्द नहीं हैं, इनमें वो ताकत है जिससे बड़ी से बड़ी सी मुश्किल आसान हो जाती है। फिर चाहे वो कोरोना जैसी डरावनी और लाइलाज बीमारी ही क्यों न हो। केरल की रहने वाली 45 वर्षीया अनिथा विनोद ने भी कोरोना को इसी जज्बात के साथ न केवल हराया बल्कि अपने परिवार को भी प्रेरणा दी।
हाल ही में कोरोना पॉजिटिव से निगेटिव होकर, डॉक्टरों द्वारा पूरी तरह खतरे से बाहर और स्वस्थ बताकर पटना मेडिकल कॉलेज से डिस्चार्ज की गईं अनिथा विनोद मूलतः केरल की रहने वाली हैं। वर्तमान समय में उनके पति पटना में कार्यरत हैं। अनिथा विनोद ने फोन पर की गई खास बातचीत में बताया कि संकल्प और संयम से ही वो कोरोना को हरा पाने में सफल हुईं । मेरे जीवन में वो स्थिति आई जिसेस आज हर कोई डर रहा है। मैं भी डर रही थी। पर मुझे बताया गया कि चिंता और डर से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता पर भी असर पड़ता है। इसलिए मानसिक रूप से मजबूत होने के सिवाय मेरे पास कोई रास्ता नहीं था। डर तो स्वयं आता है और संकल्प आपको खुद पैदा करना होता है। मैंने मन की शक्ति को मजबूत किया और संकल्प लिया कि मैं इस बीमारी को अपने शरीर से भगाकर ही रहूंगी।
अस्पताल में 10 दिनों के दौरान ईश्वर और परिवार ने दी ताकत
अनिथा एक कुशल गृहणी हैं। इसके बावजूद जब उन्हें पता चला कि वे कोरोना पॉजिटिव है तो उन्हें बड़ा घक्का लगा। वे बताती हैं, ‘ मैं करीब आधे घंटे तक सदमें मे रहीं। फिर परिवार को याद कर संभली और ठीक होने का पक्का इरादा किया। अस्पताल में एकांत वास के दौरान मैं धार्मिक किताबें पढ़ती और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ वीडियो चैट करती।’ वे बताती हैं कि उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था कि वे कोरोना की शिकार होंगी। इसलिए जब पता चला तो डरी, लेकिन परिवार का सहयोग इतना था कि मैं इससे बाहर आ गई। इस बात की राहत थी कि परिवार में और कोई कोरोना पॉजिटिव नहीं निकला। वे बताती हैं कि डॉक्टरों के सहयोग, पूरा दिन धार्मिक किताबें पढ़ने के बाद वे नियमित रूप से परिवार के संग वीडियो चैट करती थीं। मन के संकल्प और संयमित जीवन के साथ डॉक्टरों के पारमर्श से दवाइयां लेते रहने के कारण इस बीमारी को मेरा शरीर छोड़कर जाना ही पड़ा।
ऐसे हुईं थी संक्रमित
अनिथा 2 मार्च को अपने पति के साथ नेपाल यात्रा पर गईं थी। 8 मार्च को पटना वापस आईं। इसी बीच उनका बेटा विविन 5 मार्च को रोम से घर लौटा। विविन की रोम के बाद दिल्ली और पटना एयरपोर्ट पर जांच की गई थी। इसके बाद भी वह दो हफ्तों के लिए घर पर ही क्वारंटाइन में रहा। इस बीच 20 मार्च को अनिथा की तबियत बिगड़ी और उन्हें एम्स पटना में भर्ती कराया गया। वहां उनके बेटे का भी सैंपल लिया गया। दोनों में से अनिथा का सैंपल ही पॉजिटिव पाया गया।
केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री चौबे ने जाना अनिथा विनोद का हाल
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने नोवल कोरोना वायरस के विरुद्ध जंग जीत कर घर वापस लौटीं अनिथा विनोद से फोन पर बातचीत कर उन्हें बधाई दी और बेहतर स्वास्थ्य की शुभकामनाएं दी। केंद्रीय राज्यमंत्री चौबे ने उनका अनुभव भी जाना। उन्होंने अनिथा सहित उनके पूरे परिवार के हौसले, संकल्प, संयम व जागरूकता की सराहना की। उन्होंने कहा कि कोरोना से घबराने की जरूरत नहीं है। जरूरत है सतर्कता बरतने की।