नई दिल्ली, 29 जून (हि.स.)। केंद्र की मोदी सरकार ने एक राज्य से दूसरे राज्य में रोजगार की तलाश में जाने वाले गरीब मजदूरों को सस्ती दरों पर राशन उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकारों को ‘वन नेशन, वन राशन कार्ड’ योजना को लागू करने के लिए 30 जून 2020 तक का समय दिया है। साथ ही सरकार ने इस संबंध में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र भी लिखा है।
केंद्रीय खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने शनिवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ‘वन नेशन, वन राशन कार्ड’ के लागू होने से उत्तर प्रदेश और बिहार का मजदूर यदि मुंबई और कर्नाटक आदि किसी भी राज्य में नौकरी करता है तो वह वहां किसी भी सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) की दुकान से राशन खरीद सकेगा।एक देश, एक राशन कार्ड का आधार तत्व पॉइन्ट ऑफ सेल (पीओएस) मशीन है। वर्तमान में पूरे देश में 77 फीसदी पीओएस मशीन उपलब्ध हैं। 85 प्रतिशत राशन कार्ड अभी तक आधार कार्ड से लिंक हो चुके हैं।
पासवान ने कहा कि आधार से जुड़ने से फर्जी लोग बाहर निकल जाते हैं। पीओएस मशीन की अपनी एक विश्ववसनीयता है। दुनिया के किसी भी कोने में जाने पर अंगूठा का निशान एक ही रहता है। अभी तक 22 राज्यों में 100 प्रतिशत पीओएस मशीन उपलब्ध हैं। ऐसे में इन राज्यों को वन नेशन, वन कार्ड योजना को लागू करने में कोई समस्या नहीं होगी।इंटीग्रेटिड मैनेजमेंट ऑफ पीडीएस (आईएमपीडीएस) के तहत यह व्यवस्था अभी आंध्र प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, राजस्थान, तेलंगाना और त्रिपुरा में है। इन दस राज्यों के किसी भी जिले में जाकर राशन कार्ड से अनाज लेने की सुविधा उपलब्ध है।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा 11 ऐसे राज्य हैं जहां इसे आसानी से लागू किया जा सकता है। इस संबंध में वहां की सरकारों से बाती की गई है। फिलहाल वन नेशन में नहीं तो कम से कम एक राज्य में तो हो ही सकता है। हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, मध्य प्रदेश, पंजाब, ओडिशा, सिकिक्म, तमिलनाडु, दादर नगर हवेली, दमन और दीप, गोवा में 100 प्रतिशत पीओएस मशीन लग गई हैं। उत्तर प्रदेश में 99 प्रतिशत पीओएस मशीन उपलब्ध हैं।
उन्होंने कहा कि ऐसे में उक्त राज्यों में इस सुविधा को शुरू करने में कोई कठिनाई नहीं होनी चाहिए। दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर हमला करते हुए पाववान ने अफसोस जताया कि दिल्ली में 100 प्रतिशत पीओएस मशीनें हैं और एक साल पहले किसी भी दुकान से राशन खरीदने की योजना भी शुरू कर दी गई थी, लेकिन दिल्ली सरकार की कैबिनेट ने अचानक निर्णय लेकर इस सुविधा को बंद कर दिया। केंद्र ने इस मुद्दे पर दिल्ली सरकार को चिट्ठी भी लिखी है।