पैंडोरा पेपर ने खोले दुनिया की बड़ी हस्तियों के राज, पाकिस्तान समेत कई देशों के अरबपति शामिल

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वॉशिंगटन/लंदन/इस्लामाबाद, 04 अक्टूबर (हि.स.)। पनामा पेपर के बाद सामने आए पैंडोरा पेपर में दुनिया भर की बड़ी हस्तियों के नाम शामिल हैं। इनमें भारत, रूस, अमेरिका और मेक्सिको समेत कई देशों के 130 अरबपति शामिल हैं। विदेशों के जिन बड़े लोगों के नाम पैंडोरा पेपर्स में उजागर किए गए हैं इनमें जॉर्डन के राजा, उक्रेन, केन्या और इक्वेडोर के राष्ट्रपति, चेक रिपब्लिक के प्रधानमंत्री और ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर समेत कई लोगों के नाम शामिल हैं। इन दस्तावेजों में कम से कम 35 मौजूदा या पूर्व राष्ट्राध्यक्षों के नाम लिए गए हैं।

वहीं, पैंडोरा पेपर सामने आने के बाद पाकिस्तान की राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। इसमें करीब 700 पाकिस्तानियों के नाम होने की जानकारी मिल रही है। माना जा रहा है कि इस लीक में सामने आए लोगों में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के करीबी भी शामिल हैं। इसके बाद यहां इमरान के इस्तीफे की मांग उठ रही है।

इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिंग जर्नलिज्म के अनुसार, इस लीक में 700 पाकिस्तानियों सहित प्रधानमंत्री इमरान खान के कैबिनेट के सदस्यों, कैबिनेट मंत्रियों, उनके परिवारों सहित आंतरिक सर्कल के सदस्यों के नाम शामिल हैं, जिनके पास गुप्त रूप से लाखों डॉलर की छिपी हुई संपत्ति रखने वाली कंपनियों की लिस्ट है।

रिपोर्ट के मुताबिक, जिन लोगों की संपत्ति का खुलासा हुआ है उनमें इमरान खान के वित्त मंत्री शौकत फैयाज अहमद तारिन और उनका परिवार सहित राजस्व के पूर्व सलाहकार वकार मसूद खान के बेटे शामिल हैं। आईसीआईजे ने कहा कि रिकार्ड में पीटीआई के शीर्ष आरिफ नकवी के लेनदेन का भी खुलासा हुआ है, जो अमेरिका में धोखाधड़ी के आरोपों का सामना कर रहा है।

पेंडोरा पेपर्स के लीक के बाद विपक्ष की पाकिस्तान मुस्लिम लीग पार्टी के सदस्यों ने रविवार को इमरान खान के इस्तीफे की मांग की।

वहीं, पैंडोरा दस्तावेज बताते हैं कि किस तरह किंग अब्दुल्ला द्वितीय ने मैलिबु, कैलिफॉर्निया, वॉशिंगटन और लंदन में अपनी 100 मिलियन डॉलर की संपत्तियां बनाने के लिए कर से राहत देने वाली जगहों पर कंपनियों का नेटवर्क खड़ा किया।

चेक रिपब्लिक के प्रधानमंत्री आंद्रेय बाबिस ने उस विदेशी निवेश को छिपा लिया, जिसके जरिए दक्षिणी फ्रांस में 2.2 करोड़ डॉलर का एक बंगला खरीदा। दस्तावेजों में लगभग 1,000 विदेशी कंपनियों के बारे में पता चला है जिन्हें दुनियाभर के 336 मंत्रियों, नेताओं और सरकारी अधिकारियों ने स्थापित किया था।

वहीं पैंडोरा पेपर्स दिखाते हैं कि धन-मशीन दुनिया के हर हिस्से में सक्रिय हैं। अमेरिका समेत दुनिया के सबसे अमीर देशों की वित्तीय राजधानियां भी इनमें शामिल हैं। अमेरिका और यूरोप में स्थित वैश्विक बैंक, वकालत कंपनियां और अकाउंटिंग फर्म भी इस व्यवस्था को मदद करते हैं।

मिसाल के तौर पर पैंडोरा पेपर्स से पता चला कि दुनियाभर के बैंकों ने पनामा की एक वकालत कंपनी एल्कोगल की मदद से कम से कम 3926 ग्राहकों के लिए विदेशों में कंपनियां स्थापित कीं। इस कंपनी के दफ्तर न्यूजीलैंड, उरुग्वे और यूएई में भी हैं।


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