बाड़मेर में रामकथा के दौरान पंडाल गिरा, 14 लोगों की मौत

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बाड़मेर में रामकथा के दौरान पंडाल गिरा, 14 लोगों की मौत



बाड़मेर, 23 जून (हि.स.) । राजस्थान में बाड़मेर जिले के जसोल कस्बे में रविवार को तेज अंधड़ के कारण रामकथा का वाटरप्रूफ पंडाल गिर गया। इस दौरान 14 लोगों की मौत हो गई, जबकि 50 से ज्यादा घायल हुए हैं। मृतकों में दो महिलाएं, एक बच्चा और 11 पुरुष शामिल हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन, केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे समेत कई प्रमुख लोगों ने दुख जताया है। राज्य सरकार मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख और घायलों को दो-दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता देगी। मुख्यमंत्री ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं।
हादसे के बाद आईजी संजीव मित्तल, संभागीय आयुक्त बीएल कोठारी, जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता और पुलिस अधीक्षक राशि डोगरा सहित प्रशासनिक अधिकारी बालोतरा राजकीय नाहटा अस्पताल पहुंचे। बाड़मेर के विधायक मेवाराम जैन ने बताया कि हादसे में मृतकों के परिवार को मुख्यमंत्री राहत कोष से पांच-पांच लाख और घायलों को दो-दो लाख की सहायता दी जाएगी। बताया जा रहा है कि कुछ लोगों की मौत पंडाल में करंट फैलने से और कुछ की मौत दम घुटने से हुई है। मुख्यमंत्री गहलोत सोमवार को जसोल जाएंगे और पीड़ितों के परिवार वालों से मुलाकात करेंगे।
पुलिस के अनुसार जसोल में करीब साढ़े तीन बजे कथावाचक मुरलीधर महाराज प्रवचन दे रहे थे। इसी दौरान हल्की बारिश हुई और फिर तेज अंधड शुरू हो गया। कथावाचक मुरलीधर महाराज ने श्रद्धालुओं को कहा कि हवा तेज है, कथा को रोकना पड़ेगा। हवा से पंडाल हिल रहा है। धीरे-धीरे पंडाल गिरने लगा। कथावाचक ने कहा कि आप सभी पांडाल खाली कर बाहर निकलो और खुद भी दौड़ते हुए बाहर निकले। इतने में ही भारी भरकम वाटरप्रूफ पंडाल ढह गया। हादसे के समय पंडाल में करीब डेढ़ हजार लोग थे। हादसे के बाद बड़ी संख्या में लोग मौके पर पहुंचे। घायलों को बालोतरा के राजकीय नाहटा अस्पताल पहुंचाया गया। बालोतरा के निजी चिकित्सक भी तत्काल राजकीय अस्पताल पहुंचे और घायलों के उपचार में जुट गए। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार हादसे के समय पंडाल में करीब 1500 लोग मौजूद थे।
इनकी हुई मौत
इस हादसे में देवीलाल पुत्र भीमाराम (बालोतरा), सुंदरदेवी पत्नी जेहराम, जबरसिंह गोलिया, केवलदास पुत्र हजारी दास, सांवलदास पुत्र मगाराम, रमेश कुमार पुत्र देवकिशन, नेनुदेवी पत्नी हंजारी सिंह, पेमाराम पुत्र कुम्भाराम (जसोल), चंपालाल पुत्र ताराचंद (मूंगड़ा), अविनाश पुत्र रमेशचंद्र (जोधपुर), इंदरसिंह पुत्र मोतीसिंह (जागसा), मालसिंह पुत्र उम्मेदसिंह (अजमेर), जितेंद्र पुत्र जगदीश (पारलू), नारंगी पत्नी जोगाराम (पादरू) की मौत हो गई।
अस्पताल में अफरातफरी
घटना में घायलों को लाने के लिए एम्बुलेंस के साथ निजी वाहनों की भी कतारें लग गईं। एक साथ 50 से अधिक घायलों के अस्पताल पहुंचने पर वहां भी चिकित्सकों के हाथ-पांव फूल गए। सूचना पर सम्पूर्ण स्टाफ तुंरत अस्पताल पहुंचा और घायलों का इलाज शुरू किया। घटना की सूचना पर बालोतरा कस्बे के निजी चिकित्सालयों के चिकित्सक भी दौड़ कर राजकीय अस्पताल पहुंचे। उन्होंने सहयोग करते हुए घायलों का इलाज किया।

 

 


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