पंचकूला, 06 नवम्बर (हि.स.)। पंचकूला स्थित विशेष ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) कोर्ट ने एजेएल प्लॉट आवंटन मामले में बुधवार को कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा की याचिका पर नियमित जमानत प्रदान कर दी। अगली सुनवाई अब 10 दिसम्बर को होगी।
सुनवाई के दौरान दोनों मुख्य आरोपी हुड्डा और एजेएल हाउस के चेयरमैन वोरा कोर्ट में मौजूद रहे। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने दोनों को पांच-पांच लाख रुपये के बेल बांड पर अंतरिम जमानत दी थी। इसके बाद बचाव पक्ष ने नियमित जमानत अर्जी दाखिल की थी। इस अर्जी पर ईडी ने जवाब दायर किया। इसके बाद कोर्ट ने फैसला सुनाया।
ईडी ने 26 अगस्त को हुड्डा एवं वोरा के खिलाफ शिकायत दाखिल की थी। हुड्डा पर आरोप है कि उन्होंने 64.93 करोड़ रुपये का प्लॉट 69 लाख 39 हजार रुपये में दिया था। कुछ दिन पहले ईडी ने पंचकूला में एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड को एक भूखंड आवंटन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में हुड्डा से पूछताछ की थी। धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत उनके बयान दर्ज किए थे। एजेएल को आवंटित यह भूखंड (सेक्टर 6, सी-17 नंबर) पंचकूला में है। इसे पिछले साल ईडी ने कुर्क कर लिया था।
एजेएल का संचालन नेहरू-गांधी परिवार के सदस्यों और वरिष्ठ नेताओं के हाथों में है। यह ग्रुप नेशनल हेराल्ड का प्रकाशन करता है। ईडी की जांच में कहा गया है कि हुड्डा ने अपने पद का दुपयोग करते हुए 2005 में यह भूखंड पुन: आवंटन की आड़ में नए सिरे से एजेएल को 1982 की दर (91 रुपये प्रति वर्ग मीटर) और ब्याज के साथ आवंटित किया। इससे एजेएल को अनुचित फायदा हुआ। इस भूखंड का बाजार मूल्य 64.93 करोड़ रुपये था, जबकि इसे हुड्डा ने 69.39 लाख रुपये में आवंटित किया। उधर, हुड्डा के खिलाफ विशेष सीबीआई अदालत में मानेसर जमीन घोटाला और एजेएल प्लॉट आवंटन मामले में आरोप तय होने पर बहस चल रही है। सीबीआई के विशेष जज जगदीप सिंह सुनवाई कर रहे हैं। एजेएल केस में ईडी द्वारा दाखिल अभियोजन की शिकायत की सुनवाई भी वही कर रहे हैं।