उल्लेखनीय है कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा सहित 34 आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट फाइल की गई है। हुड्डा के अलावा एमएल तायल, छतर सिंह, एसएस ढिल्लों, पूर्व डीटीपी जसवंत सहित सहित कई बिल्डरों के नाम मामले में शामिल हैं। इन सभी के खिलाफ मानेसर जमीन घोटाले को लेकर सीबीआई ने 17 सितम्बर, 2015 को मामला दर्ज किया था। इसके अलावा ईडी ने भी हुड्डा के खिलाफ सितंबर 2016 में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है।
ईडी ने हुड्डा और अन्य के खिलाफ सीबीआई की एफआईआर के आधार पर आपराधिक मामला दर्ज किया है। कांग्रेस लगातार इस कार्यवाही को सियासी रंजिश का नाम दे रही है। आरोप है कि अगस्त 2014 में निजी बिल्डरों ने हरियाणा सरकार के अज्ञात जनसेवकों के साथ मिलीभगत कर गुड़गांव जिले में मानसेर, नौरंगपुर और लखनौला गांवों के किसानों और भूस्वामियों को अधिग्रहण का भय दिखाकर उनकी करीब 400 एकड़ जमीन औने-पौने दाम पर खरीद ली थी। कांग्रेस की तत्कालीन हुड्डा सरकार के कार्यकाल के दौरान करीब 900 एकड़ जमीन का अधिग्रहण कर उसे बिल्डर्स को औने-पौने दाम पर बेचने का आरोप है।