राजस्थान में लगा गुटखा-पान मसाला पर प्रतिबंध

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यह प्रतिबंध खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के अंतर्गत खाद्य सुरक्षा एवं मानक (विक्रय का प्रतिषेध और निर्बधन) विनियम 2011 के तहत लगाया गया है।



उदयपुर, 02 अक्टूबर (हि.स.)। राज्य सरकार ने प्रदेश में गुटखे और पान-मसाले पर प्रतिबंध लगा दिया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा किये गए घोषणा के अनुसार बुधवार को गांधी जयंती से प्रदेश में सभी तरह के पान मसाले जिनमें निकोटिन, मैग्निशियम कॉर्बोनेट एवं मिनिरल ऑयल मिलाया जाता है उस पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लग गया है। यह प्रतिबंध खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के अंतर्गत खाद्य सुरक्षा एवं मानक (विक्रय का प्रतिषेध और निर्बधन) विनियम 2011 के तहत लगाया गया है।
युवाओं में गुटखा-पान मसाला खाने की लत के चलते स्वास्थ्य की हानि को मद्देनजर रखते हुए राज्य में मैग्निशियम कॉर्बोनेट, निकोटिन, तम्बाकू अथवा मिनरल ऑयल युक्त पान मसाला एवं फ्लेवर्ड सुपारी का उत्पादन, भंडारण एवं बिक्री को प्रतिबंधित किया गया है। अधिनियम की पालना के लिए प्रदेश के सभी खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को बिक्री, भंडारण और उत्पादन पर रोक के निर्देश दे दिए गए हैं।
उल्लेखनीय है कि इसी साल मई में गहलोत सरकार ने प्रदेश में ई-सिगरेट पर प्रतिबंध लगाया था। तब ई-सिगरेट के उत्पादन, भण्डारण, वितरण, विज्ञापन और ऑनलाइन अथवा ऑफलाइन किसी भी माध्यम से बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय किया गया था।
इस सम्बंध में उदयपुर के खाद्य सुरक्षा अधिकारी अनिल भारद्वाज ने बताया कि निर्देश प्राप्त हुए हैं और निर्देशों के अनुसार सरकार की मंशा के अनुरूप नशा मुक्ति अभियान को गति देते हुए कार्रवाई की जाएगी।
आपको बता दें कि राजस्थान से पहले बिहार में तीन जाने-माने ब्रैंड्स के पान मसालों पर हाल ही में बैन लगाया गया है। पिछले महीने ही खाद्य संरक्षा आयुक्त ने आदेश जारी करते हुए इन पान मसाला उत्पादों पर तत्काल प्रभाव से बैन लगाया था।

 


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