भारत से संबंध बिगाड़ना चाहते हैं पाकिस्तान परस्त तत्व: बांग्लादेश के रेल मंत्री सुजान
ढाका, 02 सितंबर (हि.स.)। बांग्लादेश के रेल मंत्री नूरुल इस्लाम सुजान ने भारत के साथ मधुर संबंधों का जिक्र करते हुए कहा है कि बांग्लादेश के साथ भारत की मित्रता खून के रिश्ते से भी बढ़कर है लेकिन अब बांग्लादेश में रह रहे कुछ पाकिस्तान परस्त तत्व इसे बिगाड़ने की कोशिश में जुटे हुए हैं। दोनों ही देशों को ऐसे लोगों से सतर्क रहना होगा। भारत-बांग्लादेश के संबंधों को बिगाड़ने के लिए लगातार साजिश रची जा रही हैं।
गुरुवार को बांग्लादेश संवाददाता किशोर सरकार ने बांग्लादेश के रेल मंत्री नूरुल इस्लाम सुजान से विस्तृत वार्ता की। सुजान ने एक सवाल के जवाब में कहा कि बांग्लादेश में पद्मा ब्रिज का निर्माण कार्य पूरा होने वाला है। इस बहुआयामी पुल से बांग्लादेश और भारत दोनों के नागरिकों को लाभ होगा। भारत की सेवन सिस्टर्स के नागरिक केवल पांच से छह घंटे में त्रिपुरा से कोलकाता की यात्रा कर सकेंगे, क्योंकि पद्मा ब्रिज के लिए सड़क के साथ-साथ रेल लिंक भी है। मंत्री सुजान ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा, ”यह चिंता का विषय है कि बीएनपी-जमात समेत पाकिस्तानी विचारधारा के लोग पद्मा ब्रिज को पूरा होने से रोकने की साजिश कर रहे हैं। वे बांग्लादेश को ‘तालिबान राज्य’ बनाना चाहते हैं।’ उन्होंने कहा, ”भारत और बांग्लादेश दोनों को पाक-प्रेमियों की साजिशों से सतर्क रहने की जरूरत है।
एक सवाल के जवाब में उन्होंन कहा कि हाल ही में नदी में पानी की अधिकता के कारण पद्मा ब्रिज के खंभों से फेरी के टकराने से खंभों को कुछ नुकसान हुआ है। इसके अलावा पाक परस्त लोग 31 अगस्त को फेरी मस्तूल के पुल के स्पैन से टकराने की घटना को ‘भारतीय साजिश’ बताकर प्रचारित कर रहे हैं।
बांग्लादेश के रेल मंत्री सुजान ने कहा कि अभी आपको ढाका कंटोनमेंट स्टेशन से कोलकाता तक 400 किलोमीटर रेल मार्ग से यात्रा करनी होती है। पद्मा रेल ब्रिज संचार परियोजना का निर्माण पूरा होने के बाद पश्चिम बंगाल में ढाका से भांगा, बेनापोल और बंगाल के हरिदासपुर सीमा तक मात्र 251 किलोमीटर की यात्रा रह जाएगी और तीन से साढ़े तीन घंटे से अधिक का समय नहीं लगेगा। हालांकि, सीमा शुल्क पहले की तरह ढाका और कोलकाता स्टेशनों पर होगा। अगरतला स्टेशन से ढाका तक 138 किमी है। तो त्रिपुरा के लोगों को कोलकाता जाने में पांच से छह घंटे से ज्यादा का समय नहीं लगना चाहिए। सुजान ने कहा कि भारत के साथ कुल नौ रेलवे क्रॉस बॉर्डर हैं। यदि इन सभी को खोल दिया जाता है, तो बांग्लादेश-भारत के साथ ट्रेन संचार में क्रांतिकारी बदलाव आएगा। रेल संपर्क को सरकार म्यांमार, थाईलैंड और मलेशिया तक विस्तार करने की योजना है।
स्पेन फेरी के पद्मा ब्रिज के खंभों से टकराने के पीछे कथित रूप से भारत के शामिल होने की अफवाहों के सवाल पर सुजान ने कहा कि बांग्लादेश की आजादी के बाद से नेशनल सोशलिस्ट पार्टी (जेएसडी) सहित स्वतंत्रता विरोधी कार्यकर्ताओं ने यह प्रचार प्रसार किया कि भारत ने बांग्लादेश से सब कुछ लिया। अब बीएनपी-जमात समेत पाकिस्तानी विचारधारा के लोग तरह-तरह की साजिश रच रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह लोग बांग्लादेश को तालिबानी राज्य बनाना चाहते हैं। काबुल पर कब्जा करने के बाद से वे नए सिरे से सपने देखने लगे हैं। वे बांग्लादेश के शांतिप्रिय लोगों को भारत के खिलाफ भड़काने के लिए तरह-तरह के झूठ फैला रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह ध्यान में रखा जाना चाहिए कि भारत-बांग्लादेश के रक्त संबंध नहीं टूटेंगे। इसलिए हमारे दोनों देशों को पाक-प्रेमियों की साजिशों से सतर्क रहने की जरूरत है।
उल्लेखनीय है कि बांग्लादेश के मावा-जजीरा बिंदु पर 6.15 किलोमीटर लंबे पद्मा मुख्य पुल की निर्माण लागत लगभग 31 हजार करोड़ रुपये है। इसके साथ ही ढाका से जेसोर तक पद्मा पुल पर रेल संचार परियोजना की निर्माण लागत लगभग 40 हजार करोड़ रुपये आंकी गई है। मुख्य पुल का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है और 26 मार्च, 2022 तक इस पर सड़क यातायात के लिए खोला जा सकता है। लेकिन पद्मा ब्रिज रेल लिंक परियोजना पर काम देर से शुरू हुआ है। रेल लिंक का पहला भाग जुलाई 2022 में पूरा हो गया था, पूरे निर्माण कार्य को पूरा होने में 2024 तक का समय लग सकता है।