नई दिल्ली, 22 नवंबर (हि.स.)। महबूब-ए-इलाही हजरत ख्वाजा निजामुद्दीन औलिया के 718वें उर्स समारोह में भाग लेने के लिए पाकिस्तान से 70 जायरीन का एक प्रतिनिधिमंडल भारत आया हुआ है। आज इस प्रतिनिधिमंडल ने हजरत निजामुद्दीन औलिया की दरगाह पर हाजिरी दी और भारत-पाकिस्तान में अमन और शांति के साथ-साथ पूरे दुनिया से कोरोना वायरस महामारी के खात्मे के लिए विशेष दुआ की। प्रतिनिधिमंडल ने दरगाह पर फूलों की चादर पेश की और चिरागां भी किया है।
दरगाह के चीफ इंचार्ज काशिफ निजामी ने बताया है कि हजरत ख्वाजा महबूब-ए-इलाही का उर्स कोरोना वायरस महामारी की वजह से जारी की गई गाइडलाइन के अनुसार मनाया जा रहा है। उनका कहना है कि भीड़भाड़ को रोकने के लिए उचित व्यवस्था की गई है। 22-24 नवम्बर तक मनाए जाने वाले इस उर्स समारोह को सादगी के साथ मनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पिछले 2 सालों से कोरोना वायरस महामारी की वजह से उर्स समारोह छोटे पैमाने पर मनाया गया था लेकिन इस बार कोरोना वायरस महामारी के कम असर को देखते हुए समारोह को थोड़ा अच्छे ढंग से मनाया जा रहा है। उनका कहना है कि फिर भी कोरोना वायरस से सम्बंधित प्रोटोकॉल का पूरा-पूरा पालन किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि पाकिस्तान से आए प्रतिनिधिमंडल ने आज शाम दरगाह पर हाजिरी दी और उनके जरिए चादरपोशी और गुलपोशी भी की गई है। उन्होंने बताया कि पिछले कई सालों से पाकिस्तान से प्रतिनिधिमंडल दरगाह में आयोजित होने वाले उर्स में भाग लेने के लिए नहीं आ पा रहा था लेकिन इस बार भारत सरकार ने उन्हें इजाजत दी है। उन्होंने बताया कि जिस समय यह प्रतिनिधिमंडल दरगाह प्रांगण में आया था, उस वक्त पुलिस ने सुरक्षा की चाक-चौबंद व्यवस्था कर रखी थी और किसी को भी दरगाह में आने की इजाजत नहीं दी जा रही थी।