नई दिल्ली, 04 अगस्त (हि.स.)। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाये जाने का एक साल पूरा होने पर पाकिस्तान की नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर भारतीय सशस्त्र बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। ईद के बहाने पाकिस्तानी सेना प्रमुख के पहली बार अंतरराष्ट्रीय सीमा पर जाने के बाद से बॉर्डर पर तैनात जवान पैनी नजरें रखे हुए हैं। पुंछ जिले की कृष्णा घाटी में मंगलवार सुबह हुए संघर्ष विराम उल्लंघन के बाद भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई में पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) के तत्तापानी सेक्टर में कई पाकिस्तानी पोस्ट तबाह हो गईं।
पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने ईद के बहाने हीरानगर स्थित भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा का पहली बार दौरा किया और सैनिकों के बीच काफी समय बिताया। उन्होंने पाक अधिकृत कश्मीर के खुरीरत्ता सेक्टर में एलओसी के साथ मोर्चे पर तैनात सैनिकों से भी मुलाक़ात की। आतंकियों की घुसपैठ कराने के लिए पाकिस्तानी गोलाबारी के बीच बाजवा के अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा की अग्रिम चौकियों पर जाने के बाद भारतीय सेना ने भारतीय सशस्त्र बलों को हाई अलर्ट पर रहने और चौकसी का स्तर बढ़ाने के आदेश दिए हैं। इधर कुछ दिनों से पाकिस्तानी सेना की ओर से हीरानगर में युद्धविराम उल्लंघन की घटनाएं बढ़ी हैं लेकिन भारतीय जवान भी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए चौकस हैं।
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के भूमि पूजन और जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के एक साल पूरे होने पर प्रदेश में हाई अलर्ट किया गया है। भारतीय सेना के सशस्त्र बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा (एलओसी) से नेशनल हाइवे को जोड़ने वाले लिंक रोड पर पुलिस के साथ अर्धसैनिक बल तैनात किए गए हैं। इसके अलावा आतंरिक सुरक्षा और नेशनल हाइवे पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। सेना और बीएसएफ ने एलओसी पर सुरक्षा बढ़ा दी है। पुलिस की ओर से नेशनल हाइवे और आतंरिक सुरक्षा को मजबूत किया गया है। पाकिस्तान ने कश्मीर राजमार्ग का नाम बदलकर श्रीनगर हाइवे कर दिया था, जिसके बाद पाकिस्तान ने एक नया गाना ‘छोड दो मेरी वादी…’ जारी किया है, जिसके घाटी में बजने के बाद डर का माहौल है।
भारतीय सेना के प्रवक्ता का कहना है कि राजोरी पुंछ की एलओसी पर पहले से ही सेना हर समय अलर्ट पर रहती है। 5 अगस्त को आतंकी हमले के बारे में कोई विशेष इनपुट तो नहीं है लेकिन एलओसी से घुसपैठ करने की आतंकी काफी कोशिश कर रहे हैं। इसे रोकने के लिए सेना पूरी तरह से अलर्ट और सक्षम है। इसके अलावा रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट और जम्मू के प्रमुख चौक-चौराहों पर सुरक्षा को भी मजबूत किया गया है। सभी जगहों पर पुलिस के साथ अर्धसैनिक बल तैनात हैं। अगले दो दिन पुलिस के लिए काफी चुनौतीपूर्ण रहेंगे। इसके लिए पुलिस अफसरों को भी अपने-अपने क्षेत्राधिकार में मौजूद रहने के लिए कहा गया है।
केंद्र सरकार ने पांच अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम लागू किया था। अनुच्छेद-370 और 35ए समाप्त होने के साथ ही जम्मू-कश्मीर राज्य का दो केंद्र शासित राज्यों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के रूप में पुनर्गठन हुआ था। केंद्र सरकार के इस कदम से नाराज अलगाववाद की आड़ में सियासत करने वाले हालात बिगाड़ने का हर संभव मौका तलाश रहे हैं। खुफिया एजेंसियों ने बीते दिनों अलर्ट जारी कर सचेत किया था कि आतंकी और अलगाववादी संगठन पांच अगस्त को कश्मीर में बड़े आतंकी हमले को अंजाम दे सकते हैं। पांच अगस्त को आतंकियों और अलगाववादियों के हिंसा भड़काने की आशंका को देखते हुए श्रीनगर में कर्फ्यू लगा दिया गया है, जो पांच अगस्त की रात तक जारी रहेगा। कश्मीर में कई संगठनों ने पांच अगस्त को काला दिवस मनाने का भी ऐलान किया है।