रूस ने की अफगानिस्तान में समावेशी सरकार की वकालत
न्यूयार्क, 27 सितंबर (हि.स.)। अफगानिस्तान में तालिबान और हक्कानी नेटवर्क के सरकार बनाने के बाद भी चल रही भीतरी जंग के बीच रूस ने समावेशी सरकार बनाने की बात कहकर चिंता बढ़ा दी है। इससे पहले पाकिस्तान की इस पहल का तालिबान ने खुलकर विरोध करते हुए कहा था कि हमारे देश की सरकार गठन में कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकता है।
रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने तालिबान से समावेशी सरकार बनाने की बात कही है, जिसमें सभी लोगों का प्रतिनिधित्व हो। उन्होंने कहा कि रूस अफगानिस्तान में आतंकवाद रोकने, समावेशी सरकार व जनता से किए वादों को पूरा कराने के लिए अमेरिका, चीन और पाकिस्तान के साथ मिलकर काम कर रहा है।
रूसी विदेश मंत्री ने कहा है कि तालिबान को महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों का सम्मान करना होगा। तालिबान ने सार्वजनिक रूप से जो बात कही हैं, उनको पूरा करके दिखाए। उन्होंने अमेरिका के जल्दबाजी में अफगानिस्तान से जाने के निर्णय की भी आलोचना की।
रूस का यह सख्त रुख तालिबान के उस बयान के बाद आया है जिसमें उसने कहा था कि पाकिस्तान और दुनिया के बाकी देशों को इस्लामिक अमीरात से अफगानिस्तान में एक ‘समावेशी’ सरकार बनाने के लिए कहने का कोई भी अधिकार नहीं है।
मलूम हो कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने हाल ही में कहा था कि अफगानिस्तान में एक समावेशी सरकार का गठन किया जाना चाहिए। अमेरिका भी तालिबान से बार बार इसी बात पर जोर दे रहा है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक तालिबान के प्रवक्ता और उप सूचना मंत्री जबीहुल्ला मुजाहिद ने कहा था कि पाकिस्तान या किसी अन्य देश को इस्लामिक अमीरात से अफगानिस्तान में ‘समावेशी’ सरकार बनाने के लिए कहने का कोई अधिकार नहीं है। यही नहीं तालिबान के एक अन्य नेता मोहम्मद मोबीन ने भी पाकिस्तान को कहा था कि तालिबान किसी भी देश को अफगानिस्तान में समावेशी सरकार बनाने के लिए कहने का अधिकार नहीं देता है।