पाकिस्तान 5 अगस्त को कश्मीर पर बड़े ‘नाटक’ की तैयारी में

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मुजफ्फराबाद से लेकर इस्लामाबाद तक मानव श्रृंखला, जुलूस और पोस्टर मार्च की तैयारी खुद प्रधानमंत्री इमरान खान 5 अगस्त को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में रहेंगे



नई दिल्ली, 01 अगस्त (हि.स.)। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाये जाने का एक साल पूरा होने पर 5 अगस्त को पाकिस्तान एक बड़े ‘नाटक’ की तैयारी कर रहा है। दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचने के लिए इमरान सरकार मुजफ्फराबाद से लेकर इस्लामाबाद तक मानव श्रृंखला, जुलूस और पोस्टर मार्च की तैयारी तो कर ही रही है, उस दिन खुद इमरान खान पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में रहेंगे और वहां के लोगों को संबोधित करेंगे। इसके अलावा पाकिस्तान अपने कश्मीर हाई-वे का नाम श्रीनगर हाई-वे करने जा रहा है। 5 अगस्त को पूरे पाकिस्तान में एक मिनट का मौन रखने का भी कार्यक्रम बनाया गया है।

इमरान ने कश्मीर को लेकर अपनी गंभीरता को दिखाने के लिए सरकार की आधी कैबिनेट को 5 अगस्त की तैयारी में लगा दिया है। विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी, सूचना एवं प्रसारण मंत्री सिबली फराज और राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले के स्पेशल सेक्रेटरी मोईद युसूफ़ को विशेष ज़िम्मेदारी दी गई है। कुरैशी ने 31 जुलाई को एक प्रेस कांफ्रेंस कर ऐलान किया कि पाकिस्तान कश्मीर के आजाद होने के दिन तक कश्मीरियों का साथ देता रहेगा। उन्होंने कहा कि इमरान सरकार कश्मीरियों व दुनिया को यह संदेश देना चाहती है कि पाकिस्तान कल भी कश्मीरियों के साथ था, आज भी है और कल भी रहेगा। वह दिन भी आएगा जब श्रीनगर की मस्जिद में कश्मीरियों के साथ हम भी नमाज अता करेंगे।
कश्मीर में लोगों को भावनाओं को भड़काने के लिए पाकिस्तान सोपोर के उस बच्चे के चित्र के साथ एक पोस्टल स्टैम्प जारी करने जा रहा है, जिस बच्चे के नाना की हत्या आतंकवादियों ने कर दी थी और वह उनकी लाश पर बैठ कर रो रहा था। पाकिस्तान एक पार्लियामेंट डेलिगेशन भी बना रहा है, जो पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के गांवों में जाएगा और वहां भारत की ओर से हो रही गोलीबारी से परेशान लोगों का हालचाल लेगा। कुरैशी ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान 5 अगस्त से पहले कश्मीर को लेकर एक बड़ा ऐलान करने वाले हैं। उनका यह भी दावा था कि इमरान ने अभी तक 100 से ज्यादा विश्व के नेताओं के साथ कश्मीर का मसला उठा चुके हैं। बड़बोले विदेश मंत्री ने अपनी पीठ थपथपाते हुए कहा कि पाकिस्तान की सक्रियता के चलते यूएन सिक्योरिटी काउंसिल में एक साल में तीन बार कश्मीर का मुद्दा उठ चुका है। उन्होंने अपनी ही पूर्ववर्ती सरकारों पर आरोप लगाया कि उनके कारण 55 साल तक कश्मीर का मुद्दा यूएन के डस्टबिन में पड़ा रहा।
बकौल कुरैशी पाकिस्तान दुनिया भर के राजनयिकों को पत्र लिख रहा है, जिसमें कश्मीर में भारत के कथित जुल्म की दास्तान होगी। इसके अलावा नेशनल इंटरनेशनल जर्नल में लेख और ब्लाॅग लिखे जाएंगे। पाकिस्तान ने अपने सभी राजदूतों को निर्देश दिया है कि वे इस काम को पूरी तत्परता से करें। कुरैशी ने अपने राजदूतों को यह चेतावनी भी दी कि यदि किसी ने कोई ढिलाई की तो उसके खिलाफ वे खुद कार्रवाई करेंगे।
पाकिस्तान यह काम कोई पहली बार नहीं कर रहा है। 2016 में खूंखार आतंकवादी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद इसी तरह का नाटक पाकिस्तान ने किया था। उस समय भी पाकिस्तान ने कश्मीर के लोगों को भड़काने के लिए बुरहान वानी पर डाक टिकट जारी किया था और उसके पोस्टरों से सजी एक पूरी ट्रेन को पाकिस्तान में घुमाया था। इमरान भी उसी को दोहरा रहे हैं लेकिन पूरी दुनिया जानती है कि पाकिस्तान का मकसद क्या है। वह इन नाटकों के जरिए आतंकवादियों को समर्थन दे रहा है और दुनिया के सामने इसे कश्मीर की आजादी से जोड़ रहा है। इस समय भी पाकिस्तान में आतंकवाद चरम पर है। जेल से आतंकवादियों को भगा दिया जाता है। ईश निंदा के नाम पर एक अमेरिकी नागरिक का खुली अदालत में कत्ल कर दिया जाता है। पाकिस्तान अपनी आतंकवाद की नीति छोड़ने को तैयार नहीं है।

 


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