भारत के बारे में बोलने का पाकिस्तान को नैतिक अधिकार नहीं : विहिप

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नई दिल्ली, 28 मई (हि.स.)। विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने भारत पर क्षेत्रीय अस्थिरता फैलाने के पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के आरोपों पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। विहिप ने कहा कि पड़ोसियों पर कीचड़ उछालने से पहले पाकिस्तान को वहां के धार्मिक अल्पसंख्यकों के प्रति मुस्लिम कट्टरपंथियों एवं सरकार द्वारा प्रायोजित अत्याचारों को रोकना चाहिए।
विहिप के केंद्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने गुरुवार को विज्ञप्ति जारी कर कहा कि जो देश इस्लामिक आतंकियों को प्रशिक्षित कर अन्य देशों में निर्यात करता है, विश्वभर के लाखों निहत्थे एवं निर्दोषों की हत्या का पाप जिसके मत्थे पर है, उसके द्वारा भारत पर क्षेत्रीय अस्थिरता फैलाने का आरोप बेहद हास्यास्पद है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के हिन्दू, सिख, बौद्ध, ईसाई इत्यादि धार्मिक अल्पसंख्यकों के प्रति 70 वर्षों से अनवरत रूप से किए जाने वाले धर्मांतरण, अमानवीय अत्याचार एवं हत्याएं जगजाहिर हैं। ऐसे लोगों को भारत के अल्पसंख्यकों के बारे में बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।
परांडे ने कहा कि हमारे यहां के नागरिकता संशोधन अधिनियम पर पाकिस्तान की चिंता समझ में आती है। क्योंकि यह कानून भारत के मुसमानों से सम्बंधित नहीं होकर पाकिस्तान, बांग्लादेश एवं अफगानिस्तान के अल्पसंख्यकों को भारत में शरण देने से सम्बंधित है तथा उनके अत्याचारों की कलई खोलता है।
विहिप के महामंत्री ने कहा कि हमें इस बात का गर्व है कि भारत ने हिंदुत्व के मार्ग पर चलते हुए वैश्विक संकट के इस काल में भी विश्वभर के अनेक देशों की मदद की है। यहां से भेजे गए धन, अनाज, दवाइयों, चिकित्सकों एवं चिकित्सकीय उपकरणों इत्यादि की मदद की सम्पूर्ण विश्व ने जहां भूरि-भूरि प्रशंसा की है, वहीं पाकिस्तान मदद के वैश्विक प्रयासों में अड़ंगे डालने में ही व्यस्त रहा।

 


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