पाकिस्तान हाफिज सईद समेत आतंकियों पर मुकदमा चलाए : अमेरिका

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लश्कर ए तैयबा/जमात उद दावा के गिरफ्तार किए गए शीर्ष चार आतंकवादियों के नाम प्रोफेसर जफर इकबाल, याहिया अजीज, मोहम्मद अशरफ तथा अब्दुल सलाम हैं।



वाशिंगटन, 15 अक्टूबर (हि.स.)। वित्तीय कार्रवाई कार्य बल की होने वाली अहम बैठक के दौरान अमेरिका ने कहा है कि पाकिस्तान को उसकी जमीन से आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम दे रहे आतंकवादी समूहों को रोकना चाहिए। साथ ही लश्कर-ए-तैयबा के सरगना हाफिज सईद समेत इस संगठन के अन्य आतंकवादियों के खिलाफ मुकदमा चलाना चाहिए।

विदित हो कि अमेरिका ने पाकिस्तान को काली सूची में डालने या नहीं डालने को लेकर वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (फायनेन्शियल एक्शन टास्क फोर्स) के अहम फैसले से ठीक पहले इस आशय का बयान दिया है। यह बैठक 15 अक्टूबर को संपन्न होगा। पाकिस्तान पहले से ही ग्रे लिस्ट में शामिल है।

अमेरिका के विदेश मंत्रालय की दक्षिण एवं मध्य एशियाई ब्यूरो प्रमुख एलिस वेल्स ने पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा/जमात-उद-दावा के चार आतंकवादियों की गिरफ्तारी का स्वागत भी किया। लश्कर ए तैयबा/जमात उद दावा के गिरफ्तार किए गए शीर्ष चार आतंकवादियों के नाम प्रोफेसर जफर इकबाल, याहिया अजीज, मोहम्मद अशरफ तथा अब्दुल सलाम हैं।

वेल्स ने ट्वीट कर कहा, ‘‘जैसा कि (पाकिस्तान के प्रधानमंत्री) इमरान खान ने कहा है, पाकिस्तान को अपने भविष्य के लिए आतंकवादियों को अपनी जमीन से काम करने से रोकना होगा।’’ उन्होंने आगे  कहा, ‘‘लश्कर के क्रूर हमलों के पीड़ित इस बात के हकदार है कि वे लश्कर के सरगना हाफिज सईद समेत इन लोगों के खिलाफ अभियोग चलता देखें।’’

पाकिस्तान का उसकी जमीन से गतिविधियों को अंजाम देने वाले आतंकवादियों को पकड़ने और रिहा कर देने का इतिहास रहा है।

उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान को अक्टूबर, 2019 तक पूरी करने के लिए एक कार्ययोजना दी गई थी। इसे पूरा नहीं कर पाने पर पाकिस्तान पर ईरान और उत्तर कोरिया के साथ काली सूची में डाले जाने का खतरा है।

वेल्स ने पिछले कहा था कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम होना इस बात पर निर्भर करेगा कि इस्लामाबाद सीमा पार घुसपैठ में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर कितना गंभीर है।


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