इस्लामाबाद, 03 अगस्त (हि.स.)। पाकिस्तान ने विभाजन के 72 साल बाद ऐतिहासिक गुरुद्वारा ‘चोआ साहिब’ के दरवाजे भारत के साथ विभिन्न देशों के श्रद्धालुओं के लिए शुक्रवार को खोल दिए हैं। ऐसा नवम्बर में गुरुनानक देव जी की 550वीं जयंती की तैयारियों के तहत किया गया है।
साल 1947 में पंजाब प्रांत के झेलम में सिख समुदाय के पाकिस्तान से पलायन कर जाने के बाद से बंद यह गुरुद्वारा उपेक्षा की स्थिति में था। गुरुद्वारे में कई उच्चाधिकारियों और समुदायों के सदस्यों की मौजूदगी में एक भव्य कार्यक्रम किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत अरदास और कीर्तन से हुई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के समूह को देखने वाले इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ईटीपीबी) के अध्यक्ष डॉ आमिर अहमद रहे।