अफगानिस्तान में ठिकाना बना रहे हैं पाकिस्तानी आतंकी संगठन

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खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, बालाकोट हमले के बाद से पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए- तयैबा ने भी हाथ मिला लिए हैं। बताया जाता है कि पाकिस्तानी आतंकी संगठन अफगानिस्तान में भी एक जगह स्थिर रहने की बजाय लगातार अपना ठिकाना बदल रहे हैं।



काबुल/नई दिल्ली, 08 जुलाई ( हि.स.)। पाकिस्तान फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की काली सूची में डाले जाने से बचने के लिए अपने यहां के आतंकवादी संगठनों को अफगानिस्तान में बसेरा बनाने की छूट दे दी है। यह जानकारी खुफिया सूत्रों से सोमवार को मिली।

खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, बालाकोट हमले के बाद से पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए- तयैबा ने भी हाथ मिला लिए हैं। बताया जाता है कि पाकिस्तानी आतंकी संगठन अफगानिस्तान में भी एक जगह स्थिर रहने की बजाय लगातार अपना ठिकाना बदल रहे हैं।

विदित हो कि पाकिस्तान एफएटीएफ की ग्रे सूची में है और अगर इसे काली सूची में डाल दिया गया तो उसके लिए और भी मुश्किलें खड़ी हो जाएंगी जिसका असर उसकी अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा।

उल्लेखनीय है कि फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स वैश्विक आतंकी संगठनों पर निगरानी रखता है। हाल ही में फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स ने इस्लामाबाद को धन शोधन और आतंकी वित्तपोषण पर अंकुश लगाने के लिए कदम उठाने को कहा है।

यही वजह है कि पाकिस्तान में मौजूद आतंकवादी संगठन अफगानिस्तान में तालिबान के अधिकार वाले इलाकों में सुरक्षित ठिकानों पर छिपे हुए हैं। वे काबुल में भारतीय दूतावास सहित भारतीय राजनयिक प्रतिष्ठानों के लिए भी खतरा बने हुए हैं।

खुफिया सूत्रों के मुताबिक कंधार में भारतीय वाणिज्य दूतावास को तालिबान के हमले के मद्देनजर हाई अलर्ट पर रखा गया है। साथ ही जलालाबाद से अफगान नेशनल सिक्योरिटी फोर्स द्वारा जैश के दो आतंकवादियों की गिरफ्तारी के बारे में भी पता चला है।

 


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