आतंकवाद का मूल स्त्रोत है पाकिस्तान, न दे मानवाधिकार की नसीहत : भारत
जेनेवा, 26 फरवरी (हि.स.)। भारत ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) के मंच से विश्व समुदाय को आगाह किया कि पाकिस्तान विश्वव्यापी आतंकवाद का मुख्य स्त्रोत है। आतंकवाद के इस स्त्रोत तथा आतंवादियों को पनाह देने वाले देशों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने की जरूरत है।
विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) विकास स्वरूप ने यूएनएचआरसी के 43वें सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग था, है और हमेशा रहेगा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान दुनिया में आतंकवाद और हिंसा का निर्यात करने वाला सबसे बड़ा देश है तथा यह विडंबना है कि यह दूसरे देशों को मानवाधिकार का उपदेश देता है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की सारी कोशिशों के बावजूद जम्मू कश्मीर में हालात सामान्य हो रहे हैं। इस राज्य को सीमापार आतंकवाद और दुष्प्रचार से अशांत व अस्थिर बनाने के पाकिस्तान के मंसूबे नाकाम हुए हैं।
जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाए जाने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय संसद में बनाए गए कानून के जरिए इस राज्य में सकारात्मक बदलाव लाया गया है तथा यह राज्य शेष भारत के साथ पूरी तरह जुड़ गया है।