‘आइसीजे जाने पर पाकिस्तान को छोड़ना पड़ेगा पीओके‘

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दरअसल, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने 21 अप्रैल, 1948 को एक प्रस्ताव पारित किया था, जिसमें सुरक्षा परिषद ने पाकिस्तान को पीओके खाली करने और सेना को वापस बुलाने का निर्देश दिया था। इसके अलावा सुरक्षा परिषद ने पीओके को जम्मू-कश्मीर में मिलाने का भी निर्देश दिया था।



इस्लामाबाद, 17 सितम्बर (हि.स.)। जम्मू एवं कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने के बाद से पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान आकाश पाताल एक किए हुए हैं। इसी क्रम में वह इस मुद्दे को लेकर अंतरराष्ट्रीय अदालत में भी जाने की योजना बना रहे हैं, लेकिन कानून मंत्रालय ने उन्हें ऐसा करने से मना किया है।

समाचार चैनल जियो न्यूज के मुताबिक, पाकिस्तान के कानून मंत्रालय ने इमरान खान को चेतावनी दी है कि वह कश्मीर मामले को अंतरराष्ट्रीय अदालत में ले जाने की भूल नहीं करे। मंत्रालय का कहना है कि अगर उसने कश्मीर मामले को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में उठाने की कोशिश की तो उसको पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर ( पीओके) से भी हाथ धोना पड़ेगा।

दरअसल, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने 21 अप्रैल, 1948 को एक प्रस्ताव पारित किया थाजिसमें सुरक्षा परिषद ने पाकिस्तान को पीओके खाली करने और सेना को वापस बुलाने का निर्देश दिया था। इसके अलावा सुरक्षा परिषद ने पीओके को जम्मू-कश्मीर में मिलाने का भी निर्देश दिया था

इस बीच कश्मीर मुद्दे पर  ब्रिटिश सांसद बॉब ब्लैकमैन ने खुलकर भारत का समर्थन किया है उन्होंने 21 अप्रैल, 1948 के संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव का जिक्र करते हुए कहा कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) समेत पूरा जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है

सुरक्षा परिषद ने भी अपने पहले प्रस्ताव में माना था कि पीओके समेत पूरा जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा है साथ ही सुरक्षा परिषद ने पाकिस्तानी सेना और नागरिकों से पीओके खाली करने को कहा था, इसलिए पाकिस्तान को पीओके खाली करना चाहिए

ब्रिटिश सांसद ने कहा कि जो लोग जम्मू-कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावका पालन करने की दुहाई दे रहे हैं वे खुद  सुरक्षा परिषद के पहले प्रस्ताव को तबज्जो नहीं दे रहे हैं।

 


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