इस्लामाबाद, 08 नवंबर (हि.स.)। पाकिस्तान में कट्टरपंथियों को करारा जवाब देने और हिंदुओं के प्रति बढ़ती नफरत के साथ मंदिरों को नुकसान पहुंचाने की घटनाओं के बीच एक अच्छी खबर है। दरअसल, पाकिस्तान हिंदू परिषद ने खैबर पख्तूनवा प्रांत के प्राचीन टेरी मंदिर में सोमवार को भव्य दिवाली समारोह के आयोजन का फैसला किया है। ज्ञात रहे कि इसी मंदिर को कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी के नेतृत्व में भीड़ ने तोड़ने के बाद आग के हवाले कर दिया था।
जानकारी के अनुसार परिषद ने करक जिले के टेरी मंदिर में रोशनी का त्योहार दीपावली मनाने के लिए पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश गुलजार अहमद को आमंत्रित किया है। पाकिस्तान हिंदू परिषद(पीएचसी) इस मंदिर में दिवाली मनाने के लिए भव्य समारोह का आयोजन कर रहा है। कार्यक्रम में सिंध और बलूचिस्तान प्रांतों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचेंगे।
एक रिपोर्ट के मुताबिक पीएचसी के संरक्षक और नेशनल असेंबली के सदस्य डॉ. रमेश कुमार वांकवानी ने कहा कि उत्सव के दौरान वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी से उपद्रवियों को कड़ा संदेश जाएगा कि उनके नापाक मंसूबों को नाकाम किया जाएगा। टेरी में वार्षिक मेले में भाग लेने के लिए सिंध और बलूचिस्तान से आने वाले लोगों को सुविधाएं प्रदान करने की खातिर परिषद ने इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड(ईटीपीबी) से हसनाबदल में लगभग 1500 तीर्थयात्रियों को ठहरने और रहने का बंदोबस्त करने का अनुरोध किया है।
श्रद्धालुओं ने हसनाबदल पहुंचना शुरू कर दिया है, जहां से वे सोमवार को करक के टेरी इलाके के लिए रवाना होंगे और उसी दिन वापस लौटेंगे। यह तीर्थ खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के करक जिले में संत परमहंस जी महाराज से जुड़ा है, जहां मंदिर की स्थापना 1920 में हुई थी। हालांकि, पिछले साल जमीयत उलेमा इस्लाम-फजल से जुड़े एक स्थानीय मौलवी के नेतृत्व में भीड़ ने इसे तोड़ दिया था।
पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश के आदेश पर मंदिर का जीर्णोद्धार कराया गया। शीर्ष अदालत ने अक्टूबर 2021 में खैबर पख्तूनख्वा की प्रांतीय सरकार को पुराने मंदिर में तोड़फोड़ करने वाले दोषियों से 3.3 करोड़ रुपये (1,94,161 अमेरिकी डॉलर) की वसूली करने का भी आदेश दिया।