अमृतसर/चंडीगढ़, 13 जुलाई (हि.स.)। भारत-पाकिस्तान के उच्च अधिकारियों में 14 जुलाई को होने वाली बैठक से पहले पाकिस्तान ने खालिस्तान समर्थक गोपाल चावला को पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी से हटा दिया है।
भारत ने चावला को लेकर पाकिस्तान के सामने विरोध जताया था। भारत का आरोप था कि चावला न सिर्फ पाकिस्तान में खालिस्तान के समर्थन में मुहिम चला रहा है बल्कि ‘सिख फॉर जस्टिस’ जैसे भारत विरोधी संगठनों को भी शह दे रहा है। पाकिस्तान सरकार ने 13 सदस्यीय पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का फिर से गठन किया है, जिसमें नियमानुसार तीन सरकारी सदस्य ही हैं।
करतारपुर कॉरिडोर को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच 14 जुलाई को अमृतसर के वाघा बॉर्डर पर उच्चस्तरीय बैठक होनी है। इससे पहले भारत ने एक बैठक इसलिए रद्द कर दी थी, क्योंकि भारत के विरोध के बावजूद पाकिस्तान ने खालिस्तान समर्थक गोपाल चावला को कमेटी में रखा हुआ था। उल्लेखनीय है कि ये चावला ही था, जिसने अपने ट्विटर अकाउंट पर पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की तस्वीर के साथ छेड़छाड़ कर पोस्ट कर दिया था। चावला ने ही खालिस्तान के पक्ष में मुहिम चला रखी थी।
भारत के विरोध को देखते हुए पाकिस्तान सरकार ने पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का पुनर्गठन कर दिया है, जिसमें 10 गैर-सरकारी सदस्यों में रवींद्र सिंह, इंदरजीत सिंह, डॉ. मिमपाल सिंह, अमीर सिंह, बाबा हरमीत सिंह, सरबत सिंह, सतवंत सिंह, डॉ. सागरजीत सिंह, विकास सिंह खालसा और सरदार सागर सिंह शामिल हैं, जबकि तीन सरकारी सदस्यों में इवाकी ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड के चेयरमैन और सचिव के साथ धार्मिक मामलों के विभाग के संयुक्त सचिव शामिल हैं।