1954 से अब तक 272 विदेशी व एनआरआई को प्रदान किए गए पद्म पुरस्कार

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केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि जाति, पेशा, पद या लिंग के भेद के बिना कोई भी व्यक्ति पद्म पुरस्कार के लिए पात्र है। हालांकि डॉक्टरों और वैज्ञानिकों को छोड़कर सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में कार्यरत व्यक्तियों सहित सेवारत सरकारी कर्मचारी पद्म पुरस्कारों के लिए पात्र नहीं हैं।



नई दिल्ली, 23 जुलाई (हि.स.)। सरकार ने मंगलवार को बताया कि अब तक 272 विदेशी, अप्रवासी भारतीय, प्रवासी भारतीय और भारतीय मूल के व्यक्तियों को पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि जाति, पेशा, पद या लिंग के भेद के बिना कोई भी व्यक्ति पद्म पुरस्कार के लिए पात्र है। हालांकि डॉक्टरों और वैज्ञानिकों को छोड़कर सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में कार्यरत व्यक्तियों सहित सेवारत सरकारी कर्मचारी पद्म पुरस्कारों के लिए पात्र नहीं हैं। उन्होंने एक अन्य सवाल के जवाब में बताया कि कोई ऐसा व्यक्ति जो भारतीय नागरिक नहीं है, वह भी पद्म पुरस्कारों को प्राप्त करने का पात्र है।  वर्ष 1954 में पद्म पुरस्कारों को शुरू किए जाने से लेकर अभी तक 272 विदेशी अथवा अप्रवासी भारतीय (एनआरआई), प्रवासी भारतीय नागरिक (ओसीआई), भारतीय मूल के व्यक्ति (पीआईओ) को पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

राय ने बताया कि स्वयं द्वारा भेजे जाने वाले नामांकनों सहित सभी नामांकनों व सिफारिशों को पद्म पुरस्कार समिति के समक्ष विचारार्थ रखा जाता है। पद्म पुरस्कार समिति सभी नामांकनों पर विचार करती है और अपनी सिफारिशों को अनुमोदन के लिए राष्ट्रपति के समक्ष प्रस्तुत करती है।

 


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