ऑक्सीजन जनरेटर संयंत्र ​आयरलैंड से आया , आर्मी बेस हॉस्पिटल में​ लगेगा

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 दिल्ली सरकार की मांग पर सेना ने दिल्ली में ​अलग से ​फील्ड अस्पताल बनाने से किया इनकार ​सेना ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया-कोविड मरीजों के लिए पहले से चल रहे हैं तीन अस्पताल 



नई दिल्ली, 06 मई (हि.स.)। दिल्ली कैंट के ​​​​र्मी बेस​​ हॉस्पिटल में ऑक्सीजन का संकट ​खत्म करने के लिए ​​आयरलैंड से ऑक्सीजन जनरेटर संयंत्र ​आ गया है ​जिसे जल्द ही स्थापित किया जाएगा। ​यह ​ऑक्सीजन जनरेटर प्रति मिनट 500 लीटर ऑक्सीजन का उत्पादन करने में सक्षम है और 50 बेड ​पर 10 लीटर​ प्रति मिनट​​ ​की आपूर्ति कर सकता है​​​ दूसरी तरफ सेना ने दिल्ली में ​अलग से ​फील्ड अस्पताल बनाने में मदद ​करने से इनकार कर दिया है। ​​सेना ने दिल्ली हाईकोर्ट में कहा ​है ​कि उसके पहले से यहां तीन अस्पताल चल रहे हैं, जिनमें कोरोना मरीजों का इलाज चल रहा है​​​​
 
दिल्ली कैंट के आर्मी बेस हॉस्पिटल में ​दो दिन पहले ऑक्सीज​​न का संकट खड़ा हो​ने के बाद रक्षा मंत्रालय को अलर्ट भेजा गया ​था​।​ इसके साथ ही बाहर से अतिरिक्त ऑक्सीजन की व्यवस्था करने की कोशिश ​शुरू की गई।​ इसी क्रम में ​आयरलैंड से ऑक्सीजन जनरेटर संयंत्र ​मंगाया गया जो बुधवार को बेस अस्पताल ​पहुंच गया है​।​ इसे जल्द से जल्द स्थापित ​किये जाने की तैयारी है​।​ ये ​​​ऑक्सीजन जनरेटर प्रति मिनट 500 लीटर ऑक्सीजन का उत्पादन करने में सक्षम है और​ 50 बेड ​को 10 लीटर ​प्रति मिनट​ की दर से ​ऑक्सीजन​ की आपूर्ति कर सकते हैं।​​
 
​दूसरी तरफ रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ​को पत्र लिखकर दिल्ली में सेना की मदद से अस्पताल बनाए जाने के लिए मदद की दिल्ली सरकार की मांग पर सेना ने दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि उसके पहले से यहां तीन अस्पताल चल रहे हैं, जिनमें कोरोना मरीजों का इलाज चल रहा है। सेना की ओर से दिल्ली हाईकोर्ट को ​बताया गया कि दिल्ली में ​अलग से ​फील्ड अस्पताल नहीं बनाया जा सकता है। सेना की ओर से कोर्ट में कहा गया कि सेना या एयरफोर्स ऑक्सीजन के परिवहन का काम करने में मदद कर सकती है। सेना अपनी क्षमता का भरपूर इस्तेमाल कर रही है​, इसलिए वो अभी अस्पताल बनाने में योगदान नहीं कर सकती है।​ सुनवाई के दौरान एएसजी चेतन शर्मा ने डीआरडीओ की ओर से किए गए कार्यों से ​भी ​हाईकोर्ट को अ​व​गत कराया।
 
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि सेना का इंजी​​नियरिंग विंग स्टोरेज क्षमता बनाने पर काम कर सकता है। तब शर्मा ने कहा कि कोर्ट का ये सुझाव वे सेना के अफसरों के पास रखेंगे। एएसजी शर्मा ने कहा कि दिल्ली सरकार के नोडल अफसर इस बाबत वार रुम में कह सकते हैं। इस पर दिल्ली सरकार की ओर से वकील राहुल मेहरा ने कहा कि इस पर आदेश पारित करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हम एक स्थान की पहचान करेंगे जहां सौ या दो सौ मीट्रिक टन ऑक्सीजन का स्टोरेज हो सके।

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