तूल पकड़ा ऑक्सफोर्ड छात्रसंघ अध्यक्ष रश्मि सामंत मामले ने

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नई दिल्ली, 18 मार्च (हि.स.)। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय छात्रसंघ की पहली भारतीय महिला अध्यक्ष निर्वाचित होकर इंग्लैंड में कीर्तिमान बनाने वाली रश्मि सामंत को पूर्व में उनके द्वारा की गई एक पोस्ट के आधार पर पद से इस्तीफा दिलवाने का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) इस मुद्दे को लेकर लगातार आवाज उठा रही है।

एबीवीपी का आरोप है कि इस मामले में छात्रा के परिवार को घसीटा जा रहा है। साथ में अनावश्यक रूप में इस मामले में धार्मिक दृष्टिकोण भी डाला जा रहा है, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।एबीवीपी की राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी ने कहा, ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय में हुई ऐसी घटना बेहद शर्मनाक है तथा विश्वविद्यालय प्रशासन का इस घटना पर चुप रहना अत्यंत निंदनीय है। देश के कुछ कथित रूप से बुद्धिजीवी अभिव्यक्ति की आजादी का समर्थन करने वाले लोग आज रश्मि सामंत पर चुप क्यों है?

रश्मि की इस अन्याय के विरुद्ध लड़ाई में भारत के छात्र छात्राओं का समर्थन रश्मि सावंत के साथ हैं।’उल्लेखनीय है कि ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय छात्रसंघ की अध्यक्ष चुनी गई रश्मि सामंत को चंद दिन बाद ही अपना पद से त्यागपत्र देना पड़ा था। वे इस पद पर पहुंचने वाली पहली भारतीय छात्रा थीं लेकिन पूर्व में की गई कुछ नस्लवादी और असंवेदनशील टिप्पणियों की वजह से उनको निशाना बनाया जाने लगा।

22 साल की रश्मि द्वारा 2017 में बर्लिन में नरसंहार स्मृतिका और मलेशिया की यात्रा के दौरान सोशल मीडिया पर की गई पुरानी टिप्पणियों से चीनी मूल के छात्र बेहद नाराज थे। ऑक्सफोर्ड में एलजीबीटीक्यू-प्लस अभियान के दौरान भी उन्होंने महिलाओं और समलैंगिक महिलाओं के बीच विभेद की जरूरत बताई थी। इसके बाद से लगातार वह कई संगठनों के निशाने पर आ गई थीं।

 


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