देशभर में फंसे हजारों ट्रक, दवाओं और जरूरी सामानों पर मंडराया संकट
नई दिल्ली, 28 मार्च (हि.स.)।कोरोना वायरस की महामारी को रोकने के लिए केंद्र सरकार द्वारा 21 दिनों के देशव्यापी लॉकडाउन का असर शहरों में जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति पर दिखने लगा है। देश में लगभग 1.2 करोड़ ट्रकों में से लगभग एक हजार से ज्यादा ट्रक विभिन्न शहरों तथा राजमार्गों पर फंसे हुए हैं, क्योंकि पुलिस ने उनका परिचालन रोक दिया है। हालांकि, देशव्यापी बंद के दौरान जरूरी समानों की आपूर्ति बनाए रखने के लिए कैबिनेट सेक्रेटरी ने मौखिक तौर पर इन ट्रकों को वापस अपने गंतव्य की ओर लौटने का आदेश दिया है, लेकिन पुलिस वाले इसपर अमल नहीं कर रहे हैं, जिससे ये समस्या खड़ी हो गई है।
देशव्यापी इस संकट की घड़ी में इस मसले पर ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) के अध्यक्ष (प्रेजिडेंट) कुलतरन सिंह अटवाल और महासचिव और नवीन कुमार गुप्ता से शनिवार को विस्तारपूर्वक बातचीत की। इस दौरान न्यजू एजेंसी के संवाददाता से बातचीत में गुप्ता ने बताया कि इन ट्रकों को अपने गंतव्यों तक जल्द से जल्द पहुंचने की अनुमति सरकार और प्रशासन की ओर से दी जानी चाहिए, ताकि वे उसपर लदे माल को उतारकर जरूरी सामानों को लादकर उन्हें उन बाजारों तक पहुंचा सकें, जो कि आवश्यक सामानों की स्टॉक की कमी से जूझ रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि 21 दिनों के इस लॉकडाउन के दौरान शहरों के अलावा सुदूरवर्ती इलाकों और जिन राज्यों में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स नहीं हैं वहां के ड्रग होलसेलर्स, डिस्ट्रिब्यूटर्स तथा खुदरा विक्रेता आपूर्ति में बड़ी बाधा का सामना कर रहे हैं। साथ ही ड्रग मैन्युफैक्चरर्स और रिटेलर्स का कहना है कि उनके गोदामों में करीब 15 दिनों तक का ही स्टॉक है, लेकिन आपूर्ति में यदि बाधा बरकरार रही तो पैनिक बाइंग की वजह से जरूरी और आमतौर पर इस्तेमाल में लाई जाने वाली दवाओं की किल्लत हो सकती है।