गाजियाबाद, 25 मई (हि.स.)। कोविड-19 के चलते देश में लॉकडाउन लागू हुए दो माह से अधिक समय हो गया है। इतने लंबे समय से सर्जरी जैसी सेवाएं सरकारी और निजी चिकित्सालयों में बाधित हैं। लेकिन प्लानिंग वाली सर्जरी को भी इससे ज्यादा समय तक टाला जाना ठीक नहीं है। इसलिए शासन की ओर से सभी जिला चिकित्सालयों, संयुक्त जिला चिकित्सालयों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और निजी चिकित्सालयों में कोविड-19 के कारण स्थगित की गई अन्य चिकित्सकीय सेवाओं के संचालन के आदेश दिए गए हैं।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. एनके गुप्ता ने सोमवार को इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि बताया कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए अन्य चिकित्सकीय सुविधाएं शुरू करने के निर्देश शासन से मिले हैं। प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने सूबे के सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों, जिला चिकित्सालयों और संयुक्त जिला चिकित्सालयों के मुख्य चिकित्सा अधीक्षकों को पत्र भेजकर सर्जरी से संबंधित ओपीडी सेवा शुरू करने के आदेश दिए हैं। हालांकि सामान्य ओपीडी अभी स्थगित रहेगी। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. एनके गुप्ता ने बताया शासन के निर्देश पर जनपद में टीकाकरण अभियान पहले ही शुरू कर दिया गया है। अब क्षय रोग की जांच एवं उपचार की सुविधा भी शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा एचआईवी की जांच एवं उपचार के लिए आईसीटीसी एवं एआरटी केंद्रों का संचालन भी मंगलवार से शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। जिला चिकित्सालयों एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में चलाए जाने वाले असाध्य रोग केंद्र (एनसीडी क्लीनिक) के अलावा गर्भवती महिलाओं की जांच एवं उपचार की सुविधा शुरू करने के आदेश शासन से मिले हैं।
शासन से दो वर्ष तक की आयु के बीमार शिशुओं की जांच एवं उपचार के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही कहा गया है कि इन शिशुओं को स्वास्थ्य केंद्रों तक लाने के लिए एंबुलेंस-102 का प्रयोग किया जाए। प्रमुख सचिव ने अपने पत्र में कहा है कि गर्भ समाधान और नसबंदी की सुविधा पुनः प्रारंभ की जाए। इसके साथ ही डायग्नॉसिटक इमेजिंग (अल्ट्रासाउंड) एवं पैथ लैब का काम पुनः सुचारू कराया जाए। प्रमुख सचिव ने कहा है कि कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन कराने के साथ उपरोक्त निर्देशों का कड़ाई से पालन कराया जाए।