कई राज्यों ने की जीएसटी क्षतिपूर्ति व्यवस्था जून, 2022 से आगे बढ़ाने की मांग

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नई दिल्ली, 19 सितम्बर (हि.स.)। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) काउंसिल की 45वीं बैठक के एक दिन बाद विपक्ष शासित राज्यों के वित्त मंत्रियों ने शनिवार को जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर व्यवस्था को जून, 2022 से आगे बढ़ाने की मांग की है। कुछ विपक्ष शासित राज्यों ने काउंसिल की बैठक में भी यह मांग रखी थी।

बीते दिन केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लखनऊ में जीएसटी काउंसिल की 45वीं बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा था कि जीएसटी व्यवस्था लागू होने के चलते राज्यों को राजस्व की कमी के लिए क्षतिपूर्ति करने की व्यवस्था जून, 2022 में खत्म हो जाएगी। हालांकि राज्यों को जीएसटी राजस्व नुकसान की भरपाई को 2020-21 और 2021-22 में लिए गए कर्ज के भुगतान के लिए क्षतिपूर्ति उपकर मार्च, 2026 तक दिया जाएगा। यह उपकर विलासिता तथा अहितकर वस्तुओं पर लगाया गया है।

जीएसटी काउंसिल की बैठक में तमिलनाडु के वित्त मंत्री पी. त्याग राजन ने क्षतिपूर्ति की व्यवस्था को जारी रखने की मांग की। उन्होंने कहा कि हम मोटे तौर पर क्षतिपूर्ति तंत्र को जारी रखने के पक्ष में हैं। लेकिन, हम कई विवरणों से चिंतित हैं। उन्होंने कहा कि काउंसिल के सभी सदस्यों को 45वीं बैठक के दौरान प्रस्तुत विकल्पों का विश्लेषण और आकलन करने के लिए थोड़ा वक्त चाहिए। इसलिए हमें उम्मीद है कि आगे कोई भी फैसला कम से कम 46वीं बैठक के लिए टाल दिया जाएगा।

इस बीच केरल के वित्त मंत्री के.एन. बालगोपाल ने कहा कि जीएसटी क्षतिपूर्ति को अगले साल जून से आगे बढ़ाने की जरूरत है, क्योंकि राज्य पहले ही गंभीर राजस्व कमी से जूझ रहा है। उन्होंने कहा कि अगर जीएसटी क्षतिपूर्ति अगले साल खत्म हो गई तो राज्य को राजस्व की और अधिक कमी का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि क्षतिपूर्ति व्यवस्था को बढ़ाया जाएगा। वहीं, दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि क्षतिपूर्ति उपकर का मामला मंत्रियों के समूह (जीओएम) को भेजा जाएगा।


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