कानपुर, 09 जुलाई (हि.स.)। सीओ समेत आठ पुलिस कर्मियों को मौत की नींद सुलाने वाला शातिर अपराधी व हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे घटना के सातवें दिन गुरुवार को मध्य प्रदेश के उज्जैन महाकाल मंदिर में अपनी गिरफ्तारी दे दी। उसकी गिरफ्तारी से घटनास्थल गांव बिकरु में लोगों के बीच पुलिस का खौफ फिलहाल कम होता दिखाई दे रहा है। वहीं गांव में डेरा डाले पुलिस कर्मियों की भौहें तनी हुई दिखाई नहीं दे रही हैं, या यूं कहें कि वह लोग भी अब ढीले पड़ गये हैं।
इस गांव ने उन पांच लोगों को खोया है जो विकास के गुर्गे थे। अब देखना होगा कि ग्रामीणों के अनुसार ऑपरेशन विकास दुबे खत्म हो जाएगा या पुलिस इस वीभत्स घटना के तह तक जाएगी और सभी दोषियों को सजा दिलाने में कहां तक कामयाब हो पाती है? घटना के समय विकास के साथ 40 से 50 असलहाधारी गुर्गे थे जिनके दम पर विकास ने इस घटना को अंजाम दिया। यही नहीं पुलिस के भेदिये भी पुलिस की पल-पल की जानकारी दे रहे थे। विकास के साथ रहकर अवैध कमाई के जरिये करोड़पति बने लोगों ने घटना के बाद विकास को भगाने में हर संभव मदद की।
घटना का कारण और अब तक हुई कार्यवाही
चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरु गांव निवासी राहुल तिवारी ने गांव के ही हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के खिलाफ एक जुलाई को चौबेपुर थाना में शिकायत की थी कि वह जान से मारने की धमकी दे रहा है। इस पर थानाध्यक्ष विनय तिवारी ने कोई कार्रवाई नहीं को तो मामला सर्किल सीओ देवेन्द्र मिश्रा तक पहुंच गया और सीओ के हस्तक्षेप पर गुरुवार को मुकदमा दर्ज किया गया। बिल्हौर सीओ देवेन्द्र मिश्रा ने दो जुलाई की शाम विकास दुबे के घर दबिश देने का प्लान बनाया। गुरुवार की अर्ध रात्रि करीब 12 बजे सीओ बिल्हौर देवेन्द्र मिश्रा की अगुवाई में शिवराजपुर, बिल्हौर, चौबेपुर, शिवली थाने के 35 पुलिसकर्मी कुख्यात अपराधी विकास दुबे के घर पर दबिश देने पहुंच गये। इस बीच पुलिस के भेदिये विकास दुबे को बराबर पुलिस के प्लान की जानकारी देते रहे। इसका खामियाजा यह हुआ कि विकास पूरी तरह से सतर्क हो गया और करीब 40 से 50 असलहाधारियों को बुलाकर पुलिस को सबक सिखाने की ठान ली। यही नहीं गांव के रास्ते को जेसीबी के जरिये अवरुद्ध कर दिया गया। पुलिस टीम जैसे ही पैदल गांव में घुसी तो चारों तरफ से घेरकर पुलिस पर अधाधुंध फायरिंग होने लगी और सीओ दवेन्द्र मिश्रा, शिवराजपुर थानाध्यक्ष महेश यादव, चौकी प्रभारी अनूप कुमार सिंह, दारोगा नेबूलाल सहित आठ पुलिस कर्मी मारे गये।
कुछ ही घंटों में मारे गये विकास के दो गुर्गे
घटना के बाद सक्रिय हुई पुलिस ने कुछ ही घंटों बाद शुक्रवार की दोपहर मोस्टवांटेड विकास के साथी अतुल दुबे और प्रेम प्रकाश पांडेय को घटनास्थल से चार किमी. दूर एक जंगल में मुठभेड़ में मार गिराया। अतुल के पास से पुलिस से लूटा गया एक असलहा भी बरामद किया था। डीजीपी, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर और एसटीएफ के आइजी समेत कानपुर के आला अफसरों ने घटनास्थल व गांव का मुआयना करके फरार विकास समेत सभी अपराधियों की गिरफ्तारी के निर्देश दिए। इसके साथ ही साठ से अधिक पुलिस की टीमें, 1500 से अधिक जवान, क्राइम ब्रांच की कई टीमें अपराधियों की तलाश में जुटी। इसी दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद कानपुर पहुंचे और शहीद के परिजनों को एक-एक करोड़ रुपये देने का ऐलान किया।
ढहाया गया किलानुमा मकान
चार जुलाई को आईजी रेंज मोहित अग्रवाल फिर घटनास्थल पहुंचे क्योंकि उन्हें जानकारी मिली थी कि विकास दुबे के घर पर असलहा छिपे हैं। इस पर पुलिस ने उसी जेसीबी से विकास दुबे के किलेनुमा घर को ढहा दिया जो रास्ता अवरुद्ध करने के लिए खड़ी की गयी थी। इसके साथ ही पुलिस के आला अधिकारियों ने विकास से पुलिस दबिश की मुखबिरी करने के शक में चौबेपुर थाने के एसओ रहे विनय तिवारी को सस्पेंड कर दिया और संदेह के दायरे में आए 70 पुलिस कर्मियों की जांच शुरू करा दी।
25 हजार के इनामी का हुआ हॉफ इनकांउटर
पांच जुलाई को कल्याणपुर पुलिस को उस समय सफलता मिल गयी जब मोस्टवांटेड विकास दुबे का साथी दयाशंकर अग्निहोत्री शहर से भागने की फिराक में था। पुलिस ने मुठभेड़ में गोली मारकर घायल करते उसे गिरफ्तार कर लिया। उसने पुलिस को घटना वाली रात विकास द्वारा 40 से 50 शॉर्प शूटर बुलाए जाने की जानकारी दी। इसके साथ ही इस बात की पुष्टि कर दी कि चौबेपुर थाना से विकास को पल-पल की जानकारी मिल रही थी।
ढाई लाख रुपये का हुआ इनाम
छह जुलाई को पुलिस के आला अफसरों ने विकास दुबे पर इनाम की राशि बढ़ाकर ढाई लाख रुपये कर दी।विकास से मुखबिरी करने के शक में दारोगा केके शर्मा तथा घटना के समय पुलिस टीम को छोड़कर भागने में दारोगा कुंवर पाल और सिपाही को निलंबित कर दिया। इसके साथ ही पुलिस ने विकास के साथी अमर दुबे की मां क्षमा, दयाशंकर अग्निहोत्री की पत्नी रेखा और पड़ोसी सुरेश वर्मा को गिरफ्तार कर लिया।
हरियाणा से दो गुर्गों की हुई गिरफ्तारी
सात जुलाई को फरीदाबाद में शातिर अपराधी विकास दुबे के होने की जानकारी क्राइम ब्रांच टीम ने दबिश दी। विकास तो निकल गया था, लेकिन उसके दो साथी प्रभात मिश्रा और अंकुर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। शहीद सीओ का पत्र वायरल होने के प्रकरण में तत्कालीन एसएसपी रहे अनंतदेव को एसटीएफ डीआईजी पद से हटाकर मुरादाबाद पीएसी में स्थानांतरित कर दिया गया। इसी दिन पुलिस ने विकास दुबे और उसके 15 साथियों का पोस्टर जारी कर दिया। इसके साथ ही चौबेपुर थाने के सभी 68 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया।
पांच लाख रुपया हुआ इनाम
आठ जुलाई को कानपुर आईजी की संस्तुति पर एक बार फिर शासन ने विकास दुबे पर इनाम की राशि बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दी। इसी दिन हमीरपुर के मौदहा के एक गांव में एसटीएफ से मुठभेड़ में विकास दुबे का दाहिना हाथ अमर दुबे मारा गया। बताया जा रहा है कि अमर दुबे ही विकास को लेकर फरीदाबाद गया था और पकड़े जाने के डर से विकास को बिना जानकारी दिये हमीरपुर भाग आया। पुलिस ने विकास के साथी श्यामू बाजपेयी को मुठभेड़ और जहान यादव को भी गिरफ्तार किया। पुलिस ने पुलिस से लूट असलहों की तलाश में बिकरु गांव में विकास के घर के पास स्थित दो कुओं से पानी निकलवाकर खाली कराया लेकिन कुछ नहीं मिला। आठ जुलाई को ही पुलिस के भेदिये तत्कालीन थानाध्यक्ष विनय कुमार तिवारी और बीट प्रभारी दारोगा केके शर्मा गिरफ्तार कर लिये गये।
दो गुर्गे मारे गये और विकास ने दी गिरफ्तारी
नौ जुलाई की सुबह फरीदाबाद से ट्रांजिट रिमांड पर लाते समय प्रभात मिश्रा के भागने के प्रयास पर कानपुर पुलिस टीम ने उसका पनकी थाना क्षेत्र में एनकाउंटर कर दिया। इटावा में भी पुलिस टीम ने मोस्ट वांटेड विकास के साथी बिकरू निवासी बऊन दुबे उर्फ प्रवीण को एनकाउंटर में ढेर कर दिया। अभी दो गुर्गों के मारे जाने की खबरें मीडिया में चल ही रही थी कि पता चला कि विकास दुबे मध्य प्रदेश के उज्जैन महाकाल मंदिर में अपनी गिरफ्तारी दे दी।
सीमा से लौटने लगी पुलिस
विकास दुबे को पकड़ने के लिए पूरे प्रदेश को अलर्ट किया गया था, जिसके चलते उन सभी जनपदों के कप्तानों ने सीमा पर भारी फोर्स लगा दिया था जहां से उत्तर प्रदेश की सीमा दूसरे प्रदेशों से मिलती है या नेपाल से। विकास की उज्जैन से गिरफ्तारी के बाद से सभी जनपदों की पुलिस सीमा से लौटने लगी है।
करोड़पति बने साथियों की होगी जांच
बिकरु कांड का मुख्य अभियुक्त विकास दुबे भले ही उज्जैन में पुलिस की गिरफ्त में हो लेकिन अभी भी सवाल बना हुआ है कि घटना के दौरान मौजूद कई दर्जन गुर्गों को कब पकड़ा जाएगा। अभी तक पुलिस ने गुर्गों में पांच लोगों को मार गिराया है और दो हॉफ इनकाउंटर किया है और बाकी फरार हैं। विकास के साथ रहने वाले कम समय में अवैध कमाई के जरिये करोड़पति लोगों की पुलिस जांच करेगी? यह सब सवाल आम जनमानस के दिमाग में विकास की गिरफ्तारी होते ही घूमने लगे हैं। लोग यह भी सवाल कर रहे हैं कि जो लोग विकास को लेकर हरियाणा, दिल्ली और मध्य प्रदेश तक घूमते रहे, उन पर कार्रवाई का शिकंजा कब कसेगा?