नई दिल्ली, 08 फरवरी (हि.स.)। उत्तराखंड आपदा में सेना के जवानों ने रातभर तपोवन सुरंग को साफ करने के लिए ऑपरेशन चलाया। मलबे से बंद हो गई सुरंग का एक सिरा सुबह तक खोलने में कामयाबी हासिल कर ली है। सेना ने तपोवन बांध के पास मलबे में जिन्दगी तलाशने के लिए कैनाइन दस्ते को भी तैनात किया है। भारतीय वायुसेना ने भी सुबह होते ही एरियल रेस्क्यू मिशन शुरू कर दिया है।
सेना के प्रवक्ता ने बताया कि उत्तराखंड के चमोली में रातभर जवानों ने तपोवन सुरंग को साफ करने के लिए ऑपरेशन चलाया है। इंजीनियरिंग टास्क फोर्स सहित सेना के कर्मियों के अथक प्रयासों के बाद आज सुबह तक सुरंग का मुंह साफ किया गया। जनरेटर और सर्च लाइट लगाकर रातभर काम जारी रखा गया। सेना ने घायलों के इलाज के लिए फील्ड अस्पताल स्थापित किए हैं जो घायल लोगों को चिकित्सा सहायता प्रदान कर रहे हैं। आर्मी मेडिकल टीम के मेजर इकजोत सिंह ने बताया कि कल जो 12 लोग बाहर निकाले गए थे, हमने उनको चिकित्सा सुविधा दी है और उन लोगों की हालत अब स्थिर है।
तपोवन बांध के पास तलाशी अभियान चलाने के लिए कैनाइन दस्ते को भी तैनात किया गया है। भारतीय सेनाहिमस्खलन के खतरे का पता लगाने के लिए उच्चतर स्तर तक प्रयास कर रही है। चमोली ज़िले के जोशीमठ में टनल में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए राहत और बचाव कार्य चल रहा है। बड़ी टनल को खोलने की कोशिश की जा रही है। टनल का मलबा बाहर निकाला जा रहा है, इस काम में सेना की टीम लगी हुई है और शाम तक पूरी सुरंग खुल जाने की उम्मीद है।
वायुसेना ने देहरादून से जोशीमठ के लिए एमआई-17 और एएलएच हेलीकॉप्टर के उड़ान भरने के साथ हवाई राहत और बचाव अभियान फिर से शुरू किया। वायुसेना हेलीकॉप्टर के जरिये बचाव कार्य में जुटे जवानों और साजो-सामान को इलाके में पहुंचाने में जुटी हुई है। वायुसेना के हेलीकॉप्टर आसमान में उड़ान भर रहे हैं। भारतीय वायुसेना ने सुबह होते ही एरियल रेस्क्यू मिशन शुरू किया। वायुसेना के हेलीकॉप्टरों ने आज सुबह की पहली रोशनी के साथ बचाव टीमों को एयरलिफ्ट करके प्रभावित इलाकों में पहुंचाया।
रक्षा मंत्रालय के अधीन भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के एसएएसई के वैज्ञानिकों की एक टीम कल रात देहरादून पहुंच गई। यह टीम जोशीमठ क्षेत्र में निगरानी और टोह लेने के लिए रवाना हुई है। डीआरडीओ के एक अधिकारी ने बताया कि नव-निर्मित रक्षा भू-सूचना विज्ञान अनुसंधान प्रतिष्ठान के बर्फ और हिमस्खलन विशेषज्ञों की एक टीम उत्तराखंड में तबाही का आकलन करेगी जहां ग्लेशियर टूटने से बाढ़ जैसे हालात हैं। यह टीम स्थल के आसपास के ग्लेशियरों में स्थिति का आकलन करेगी।
आईटीबीपी देहरादून सेक्टर मुख्यालय की डीआईजी अपर्णा कुमार ने बताया कि मलबे से बंद हो गई टनल को खोलने के लिए आईटीबीपी की भी कोशिश जारी है। 2.5 किलोमीटर लंबी सुरंग में से अब तक 70-80 मीटर तक साफ किया जा चुका है। मलबे से अवरुद्ध लगभग 180 मीटर टनल को जेसीबी की मदद से साफ किया जा रहा है जिसमें लगभग 30-40 कर्मचारी कल से फंसे हुए हैं। इन सभी को सुरक्षित निकालने के प्रयास चल रहे हैं। आईटीबीपी, उत्तराखंड पुलिस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और सेना यहां संयुक्त ऑपरेशन कर रही हैं। क़रीब 153 लोग लापता हैं।
आईटीबीपी के प्रवक्ता विवेक पांडे ने कहा कि हमने दूसरी सुरंग में खोज अभियान तेज कर दिया है। हमें जानकारी है कि वहां लगभग 30 लोग वहां फंसे हुए हैं। सुरंग को साफ करने के लिए लगभग 300 आईटीबीपी के जवान तैनात हैं। स्थानीय प्रशासन का कहना है कि लगभग 170 लोग लापता हैं। आईटीबीपी ने कल एक सुरंग से 12 लोगों को बचाया है और विभिन्न क्षेत्रों में बचाव अभियान चल रहा है। यदि आवश्यक हुआ तो और टीमें वहां भेजी जाएंगी। हम पहले सुरंग से लोगों को निकालने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।